दुमका: 4 दिसंबर, रविवार को दुमका रेलवे स्टेशन (Dumka Railway Station) का पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक अरुण अरोड़ा (Arun Arora) ने निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने कहा कि रेलवे प्रबंधन की नजर में दुमका रेलवे स्टेशन काफी महत्वपूर्ण स्टेशन है।
आने वाले दिनों में यहां से दिल्ली के अलावा अन्य महत्वपूर्ण शहरों के लिए ट्रेन की सुविधा बहाल की जाएगी। साथ ही यात्रीगण की सुविधाओं में भी वृद्धि की जाएगी। आधारभूत संरचनाओं (Infrastructures) को सुदृढ़ किया जाएगा। स्टेशन का सुंदरीकरण तेजी से होगा।
प्रदूषण कम करने की होगी तमाम कोशिश
महाप्रबंधक ने कहा कि झारखंड राज्य में सबसे अधिक खनन होता है। राज्य की अर्थव्यवस्था इसी पर टिकी हुई है। संताल परगना के लिए गोड्डा से पीरपैंती रेल खंड (Pirpainti Rail Section) क्षेत्र के लिए लाइफलाइन होगा।
दुमका रेलवे स्टेशन का निरीक्षण के बाद एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कोयला रैक की वजह से होने वाले प्रदूषण को हर स्तर पर कम किया जाएगा।
प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड (Pollution Control Board) के तमाम मानकों का पालन होगा। यहां उड़ने वाले धूलकण के प्रभाव को स्प्रिंकलर से कम किया जाएगा।
इसके लिए तीन से पांच करोड़ रुपये तक खर्च होंगे। अगर यहां के रेलवे साइडिंग को बंद कर दिया गया तो विकास बाधित हो जाएगा। साइडिंग की वजह से यहां रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं।
रेल लाइन क्षेत्र के लिए लाइफलाइन होगा
रेल लाइन क्षेत्र के लिए लाइफलाइन होगा। इस परियोजना पर 1,386 करोड़ रुपये खर्च होंगे। पूरी राशि का वहन केंद्र सरकार करेगी।
पूर्व इस योजना पर केंद्र व राज्य को 50-50 प्रतिशत राशि खर्च करना था, लेकिन राज्य सरकार ने हाथ खींच लिया इसलिए अब नए सिरे से इस परियोजना पर केंद्र सरकार ने पूरी राशि की स्वीकृति दे दी है।
यह रेल लाइन गोड्डा के सांसद डा.निशिकांत दुबे के प्रयासों का नतीजा है। अगले तीन से चार साल में इस परियोजना के पूरा होने से इस क्षेत्र का सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य पूरी तरह से बदल जाएगा।
देवघर रेलवे स्टेशन को नए सिरे से विकसित किया जाएगा
पूर्व रेलवे के महाप्रबंधक ने कहा कि देवघर रेलवे स्टेशन को नए सिरे से विकसित किया जाएगा।
इसे यहां पर्यटन को ध्यान में रखकर विकसित किया जाएगा ताकि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सके। इसी तरीके से बासुकीनाथ रेलवे स्टेशन (Basukinath Railway Station) का भी सुंदरीकरण होगा।
कोचिंग डिपो की स्वीकृति दी गई
इसके बाद गोड्डा में 60 करोड़ रुपये की लागत से कोचिंग डिपो (Coaching Depot) की स्वीकृति दी गई है। इसको लेकर देवघर में भी कोचिंग फैसिलिटी का निर्माण कराया जा रहा है।
इसके बाद जसीडीह (जसीडीह) और मधुपुर बाइपास (Madhupur bypass) का काम चल रहा है।
इस मौके पर नेतुर पहाड़ी के ग्रामीणों ने महाप्रबंधक को दुमका रेलवे स्टेशन से कोयला रैक प्वाइंट को अन्यत्र स्थानांतरित करने की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा। मिली जानकारी के अनुसार देवघर में कोचिंग फैसिलिटी का निर्माण जल्द शुरू हो जाएगा।