पारा शिक्षकों को एक बार फिर छलने का काम किया, ये सरकार कहती कुछ है और करती है कुछ

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दुमका: एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की में जिला उपाध्यक्ष अब्दुल रकीब की अध्यक्षता में हुई, जिसमें शिक्षा मंत्री की उपस्थिति में शिक्षा विभाग के पदाधिकारियों के साथ मोर्चा के प्रतिनिधियों के साथ हुई वार्ता पर चर्चा की गई।

रकीब ने बताया कि मानदेय वृद्धि की नियमावली को दिखाकर सरकार दो साल से पारा शिक्षकों को छलते आ रही रही थी। वेतनमान के लिए कई दौर की वार्ता के बाद उच्च स्तरीय कमेटी बनी थी।

बिहार माडल पर सरकार से सहमति भी बन चुकी थी। फिर मानदेय बढ़ोतरी की नियमावली लाकर सरकार ने पूर्व की सरकारों की तरह ही पारा शिक्षकों को एक बार फिर छलने का काम किया है।

जयप्रकाश यादव ने बताया कि तीन माह में वेतनमान देने का वादा करने वाली सरकार दो साल में मानदेय आधारित वेतनमान लेकर आती है, जो समझ से परे है। वेतनमान लेकर रहेंगे।

सरकार को मंत्री और विधायकों के सुख सुविधा की चिंता है। कहती कुछ है और करती कुछ है। अगर 29 दिसंबर तक वेतनमान की घोषणा नहीं हुई तो मोहराबादी में ही विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

बैठक में धर्मेंद्र राय, राजेन्द्रनाथ मांझी, अनूप दत्ता, दिलदार हुसैन, अनूप कुमार भंडारी, मनीष कुमार, मनोज मंडल, राजकुमार यादव, चंदन साह, मनोज साह, अनिल कुमार गुप्ता, बरियार टुडू, राजीव मोहन चौधरी, सुनीता हांसदा, खलील अंसारी, मधुसूदन साहा, नंदलाल साह व सुशांत कुमार मुखर्जी सहित दर्जनों पारा शिक्षक उपस्थित थे।