दुमका: दुमका (Dumka) की इस डेढ़ साल की बिटिया को मां का प्यार और पिता का दुलार मिल गया। अब वह माता-पिता (Parents) के साथ गुरुग्राम में रहेगी जबकि उसका अपना घर महाराष्ट्र में होगा। चार सालों के लंबे इंतजार के बाद गुरुग्राम (गुड़गांव) के निःसंतान प्रोफेसर दंपत्ति (Childless Professor Couple) की सूनी गोद भर गयी है।
खातून ने गुड़गांव के दंपत्ति के गोद में सौंप दिया
दुमका के श्रीअमड़ा में संचालित दत्तक ग्रहण संस्थान (SAA) में डेढ़ वर्षीय बालिका को मंगलवार को बाल कल्याण समिति (Child Welfare Committee) के चेयरपर्सन डॉ अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डॉ राज कुमार उपाध्याय, कुमारी विजय लक्ष्मी, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चंद्र, SAA के प्रभारी तारिक अनवर, सामाजिक कार्यकर्ता वहीदा खातून ने गुड़गांव के दंपत्ति के गोद में सौंप दिया।
उसे गोद लेने वाले माता-पिता से उसे वे सभी कानूनी अधिकार मिलेंगे जैसे किसी बच्चे को उसके जैविक माता-पिता से मिलते हैं। 2018 से अबतक दुमका से दिया गया यह 16वां एडॉप्सन (16th Adoption) है।
Website में NRI के रूप में 2019 में ही निबंधन कराया
इस बालिका के जैविक माता-पिता को खोजने के लिए बाल कल्याण समिति, दुमका ने फरवरी में अखबारों में विज्ञापन (Advertisement) प्रकाशित किया था।
60 दिनों बाद बालिका को बाल कल्याण समिति दुमका के बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट (Bench Of Magistrate) ने Adoption के लिए कानूनी रूप से मुक्त घोषित कर दिया। गुड़गांव के इस निःसंतान दंपत्ति ने कारा (सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी) के Website में NRI के रूप में 2019 में ही निबंधन कराया था।