Durga Ashtami Puja : हिंदू धर्म में Navratri के 9 दिन बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण माने जाते हैं। इन 9 दिनों में मां दुर्गा (Maa Durga) के 9 रूपों की विशेष आराधना और पूजा पाठ होती है।
माना जाता है कि इन 9 दिनों में मां दुर्गा खुद धरती पर विचरण करने आती हैं। उस पर नवरात्रि की अष्टमी तिथि (Ashtami Tithi) का तो विशेष महत्व है क्योंकि इसी दिन मां दुर्गा असुरों का संहार करने के लिए प्रकट हुईं थीं।
आज 29 मार्च, बुधवार को दुर्गा अष्टमी है। अष्टमी के दिन मातारानी के मां महागौरी रूप की पूजा की जाती है।
साथ ही आज कन्या पूजन करने का बेहद महत्व है। वहीं कल 30 मार्च, गुरुवार को मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी।
मान्यता है कि मां महागौरी की विधि-विधान से पूजा करने वाले भक्तों के सारे बिगड़े काम बन जाते हैं।
साथ ही उनके जीवन में किसी भी तरह की परेशानी नहीं होती है। इसके अलावा मां महागौरी की पूजा में आरती और मंत्र का विशेष महत्व होता है।
मान्यता है कि मां महागौरी की आरती सुनने या पढ़ने से समस्त दुख दूर हो जाते हैं।
महाअष्टमी कन्या पूजन की जानें शुभ मुहूर्त
इस साल अष्टमी आज यानी 29 मार्च, बुधवार को है। हिंदू पंचांग के अनुसार, अष्टमी तिथि की शुरुआत 28 मार्च, बुधवार कल शाम 07 बजकर 02 मिनट पर हो चुकी है और इसका समापन 29 मार्च आज रात 09 बजकर 07 मिनट पर होगा।
इस दिन ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04 बजकर 42 मिनट से 05 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। महाअष्टमी का अमृत मुहूर्त सुबह 09 बजकर 02 मिनट से सुबह 10 बजकर 49 मिनट तक रहेगा।
आज भद्रा काल सुबह 06 बजकर 15 मिनट से सुबह 08 बजकर 01 मिनट तक रहेगा, इसके बाद पूरे दिन कन्या पूजन किया जा सकता है।
ध्यान
वन्दे वांछित कामार्थे चन्द्रार्घकृत शेखराम्।
सिंहरूढ़ा चतुर्भुजा महागौरी यशस्वनीम्॥
पूर्णन्दु निभां गौरी सोमचक्रस्थितां अष्टमं महागौरी त्रिनेत्राम्।
वराभीतिकरां त्रिशूल डमरूधरां महागौरी भजेम्॥
पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालंकार भूषिताम्।
मंजीर, हार, केयूर किंकिणी रत्नकुण्डल मण्डिताम्॥
प्रफुल्ल वंदना पल्ल्वाधरां कातं कपोलां त्रैलोक्य मोहनम्।
कमनीया लावण्यां मृणांल चंदनगंधलिप्ताम्॥
स्तोत्र पाठ
सर्वसंकट हंत्री त्वंहि धन ऐश्वर्य प्रदायनीम्।
ज्ञानदा चतुर्वेदमयी महागौरी प्रणमाभ्यहम्॥
सुख शान्तिदात्री धन धान्य प्रदीयनीम्।
डमरूवाद्य प्रिया अद्या महागौरी प्रणमाभ्यहम्॥
त्रैलोक्यमंगल त्वंहि तापत्रय हारिणीम्।
वददं चैतन्यमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥
महागौरी की आरती
जय महागौरी जगत की माया ।
जय उमा भवानी जय महामाया ॥
हरिद्वार कनखल के पासा ।
महागौरी तेरा वहा निवास ॥
चंदेर्काली और ममता अम्बे
जय शक्ति जय जय मां जगदम्बे ॥
भीमा देवी विमला माता
कोशकी देवी जग विखियाता ॥
हिमाचल के घर गोरी रूप तेरा
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा ॥
सती ‘सत’ हवं कुंड मै था जलाया
उसी धुएं ने रूप काली बनाया ॥
बना धर्म सिंह जो सवारी मै आया
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया ॥
तभी मां ने महागौरी नाम पाया
शरण आने वाले का संकट मिटाया ॥
शनिवार को तेरी पूजा जो करता
माँ बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता ॥
‘चमन’ बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो
महागौरी माँ तेरी हरदम ही जय हो ॥
Disclaimer : यह जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। News Aroma इसकी पुष्टि नहीं करता है।