DY Chandrachud: भारत के मुख्य न्यायाधीश DY चंद्रचूड़ (DY Chandrachud) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पिछले सात दशकों में आम लोगों की अदालत के रूप में काम किया है।
उन्होंने कहा कि हजारों नागरिकों ने इस विश्वास के साथ शीर्ष अदालत (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है कि इस संस्था के माध्यम से उन्हें न्याय मिलेगा।
उन्होंने कहा, हमारा न्यायालय शायद दुनिया का एकमात्र न्यायालय है जहां कोई भी नागरिक, चाहे वह कोई भी हो या जहां से आया हो, भारत के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक मशीनरी (Constitutional Machinery) को गति दे सकता है।
संविधान दिवस समारोह (Constitution day celebration) के मौके पर सुप्रीम कोर्ट परिसर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा डॉ बीआर अंबेडकर की एक प्रतिमा का अनावरण करने के बाद अपने संबोधन में उन्होंने यह बात कही।
CJI ने कहा….
CJI ने कहा कि ऐसी प्रतिमा स्थापित करना इस विचार का विस्तार है कि न्यायालय से संपर्क करने का अधिकार संविधान का हृदय और आत्मा है, जैसा कि डॉ अंबेडकर (Dr. Ambedkar) ने प्रसिद्ध रूप से कहा था।
उन्होंने कहा, इसलिए जब हम आज कहते हैं, हम संविधान को अपनाने का सम्मान करते हैं, तो सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, हम इस तथ्य का सम्मान करते हैं कि संविधान अस्तित्व में है, और संविधान काम करता है।
CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के अलावा कि नागरिकों को अपने निर्णयों के माध्यम से न्याय मिले, सुप्रीम कोर्ट अपनी प्रशा सनिक प्रक्रियाओं को नागरिक केंद्रित बना रहा है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने यह सुनिश्चित करने के लिए सभी अदालतों में E-Service Center शुरू किए हैं कि कोई भी नागरिक न्यायिक प्रक्रिया में पीछे न रह जाए। उन्होंने कहा, हम अपने नागरिकों को साझा राष्ट्रीय प्रयास में सह-समान भागीदार के रूप में स्वीकार करते हैं।