भूकंप का कहर : म्यांमार, थाईलैंड और बांग्लादेश में झटके, 7.7 तीव्रता से भारी तबाही

म्यांमार, थाईलैंड और बांग्लादेश में महसूस किए गए इन भूकंप के झटकों की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.7 दर्ज की गई। इसका केंद्र म्यांमार के सगाइंग (Sagaing) क्षेत्र में स्थित था, जो म्यांमार का एक प्रमुख क्षेत्र है।

Smriti Mishra
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Earthquake jolts Thailand and Bangladesh: शुक्रवार को दक्षिण एशिया के कई देशों में भूकंप के जबरदस्त झटकों ने भारी तबाही मचाई।

म्यांमार, थाईलैंड और बांग्लादेश में महसूस किए गए इन भूकंप के झटकों की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 7.7 दर्ज की गई।

इसका केंद्र म्यांमार के सगाइंग (Sagaing) क्षेत्र में स्थित था, जो म्यांमार का एक प्रमुख क्षेत्र है। भूकंप इतना शक्तिशाली था कि इसके प्रभाव से चीन और ताइवान के कुछ हिस्सों में भी कंपन महसूस किया गया।

भूकंप से हुई ये तबाही

म्यांमार में स्थिति गंभीर

भूकंप का केंद्र म्यांमार के सगाइंग क्षेत्र में होने के कारण इस देश में सबसे अधिक तबाही देखने को मिली। म्यांमार के प्रमुख शहर मांडले (Mandalay) में भारी नुकसान हुआ है। भूकंप के झटकों से प्रसिद्ध एवा ब्रिज (Ava Bridge) का एक बड़ा हिस्सा ढह गया। यह पुल मांडले शहर को इरावडी नदी के पार स्थित क्षेत्रों से जोड़ता था और ऐतिहासिक महत्व भी रखता था। पुल के गिरने के कारण क्षेत्र में यातायात ठप हो गया और बचाव दल को राहत कार्य में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी।

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मांडले में कई प्रसिद्ध बौद्ध मंदिर और ऐतिहासिक स्थल भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। कई मकान और इमारतें धराशायी हो गईं, जिससे स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने का कार्य तेजी से किया जा रहा है।

थाईलैंड में मची अफरा-तफरी

थाईलैंड में भूकंप का प्रभाव राजधानी बैंकॉक तक महसूस किया गया। भूकंप के झटकों के कारण बैंकॉक में मेट्रो सेवाएं रोक दी गईं और सुरक्षा के मद्देनजर एयरपोर्ट और सबवे स्टेशनों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया।

भूकंप के कारण बैंकॉक में एक निर्माणाधीन इमारत के गिरने की खबर है। आशंका है कि इस मलबे के नीचे कई लोग दबे हो सकते हैं। थाईलैंड में इस भूकंप के कारण एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 43 लोग लापता बताए जा रहे हैं। राहत और बचाव दल मौके पर पहुंचकर लगातार बचाव अभियान चला रहे हैं।

भूकंप का कहर : म्यांमार, थाईलैंड और बांग्लादेश में झटके, 7.7 तीव्रता से भारी तबाही

बांग्लादेश में महसूस हुए झटके

बांग्लादेश में भी भूकंप के झटकों से भय का माहौल बन गया। राजधानी ढाका, प्रमुख बंदरगाह शहर चटगांव, और अन्य हिस्सों में कंपन महसूस किया गया। रिक्टर स्केल पर यहां भूकंप की तीव्रता 7.3 मापी गई। हालांकि, अब तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं मिली है, लेकिन कई इमारतों में दरारें आने और मकानों को नुकसान पहुंचने की खबर है।

भारत ने सहायता का दिया भरोसा

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस विनाशकारी भूकंप के बाद म्यांमार, थाईलैंड और बांग्लादेश के हालात पर गहरी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि भारत इन देशों को हरसंभव सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री ने भारतीय प्रशासन और विदेश मंत्रालय को निर्देश दिए हैं कि वे इन देशों की सरकारों के संपर्क में रहें और राहत कार्य में सहायता पहुंचाने की हरसंभव कोशिश करें।

प्रधानमंत्री मोदी ने प्रभावित लोगों की सुरक्षा की प्रार्थना करते हुए कहा, “हम इन कठिन परिस्थितियों में अपने पड़ोसी देशों के साथ खड़े हैं और भारत हरसंभव सहायता के लिए तत्पर है।”

राहत कार्यों पर जोर

भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। म्यांमार, थाईलैंड और बांग्लादेश की स्थानीय प्रशासनिक टीमें मलबे में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने में जुटी हुई हैं। कई क्षेत्रों में बिजली और संचार व्यवस्था प्रभावित हुई है, जिसे बहाल करने का प्रयास किया जा रहा है।

रेड क्रॉस, यूनाइटेड नेशन्स और अन्य अंतरराष्ट्रीय राहत संगठनों ने भी अपनी टीमें सक्रिय कर दी हैं ताकि प्रभावित क्षेत्रों में खाद्य सामग्री, दवाइयां और आश्रय जैसी आवश्यक चीजें पहुंचाई जा सकें।

भूकंप के झटकों का वैज्ञानिक दृष्टिकोण

विशेषज्ञों के अनुसार, म्यांमार का सगाइंग क्षेत्र एक प्रमुख भूकंपीय फॉल्ट लाइन पर स्थित है, जिससे यहां भूकंप की घटनाएं अक्सर होती हैं। लेकिन इस बार का भूकंप अपनी तीव्रता और प्रभाव के कारण खासा विनाशकारी साबित हुआ है।

वैज्ञानिकों ने लोगों को सतर्क रहने और आफ्टरशॉक्स (भूकंप के बाद आने वाले झटकों) से बचने की सलाह दी है। स्थानीय प्रशासन ने आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर जारी कर प्रभावित लोगों से संयम बनाए रखने की अपील की है।

Disclaimer

इस विनाशकारी भूकंप ने म्यांमार, थाईलैंड और बांग्लादेश में कई जिंदगियों को प्रभावित किया है। प्रशासन और राहत दल पूरी कोशिश कर रहे हैं कि जल्द से जल्द स्थिति पर काबू पाया जा सके। भारत सहित कई देशों ने अपनी सहायता की पेशकश की है, जिससे राहत कार्यों में तेजी आने की उम्मीद है। सभी प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा और पुनर्वास के प्रयास जारी हैं।

 

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