Easter Sunday marks Jesus Christ’s resurrection : पलामू जिले में ईस्टर संडे रविवार को पुनरुत्थान पर्व के रूप में मनाया गया। सुबह में डालटनगंज के आबादगंज कब्रिस्तान पर जाकर पूर्वजों की कब्र में मोमबत्ती और फूल माला चढ़ाकर याद किया।
यूनियन चर्च में सुबह 6 बजे से चर्च आराधना की गई। इसमें यीशु मसीह के जी उठने का संदेश लोगों को दिया गया। मिस्सा अनुष्ठान किया गया।
मौके पर पादरी प्रभु रंजन मसीह ने कहा कि गुड फ्राइडे के तीन दिन बाद ईस्टर संडे मनाया जाता है। इस दिन प्रभु यीशु जीवित हो उठे थे। प्रभु यीशु के पुनर्जीवित होने पर खुशी में यह उत्सव मनाया जाता है।
जब प्रभु यीशु को को सू्ली पर चढ़ाया गया तो उनके अनुयायियों में निराशा छा गई थी। लेकिन तीन दिन बाद रविवार के दिन यीशु मसीह जीवित हो उठे, तो उनके अनुयायियों में खुशी की लहर दौड़ गई।
प्रभु यीशु ने अपने अनुयायियों को ज्ञान का उपदेश दिया। उन्हें धर्म, कर्म, शांति एवं मानवता का पाठ पढ़ाया। यीशु मसीह का जी उठना विश्वासियों को संदेश देता है कि बिगड़ी हुई परिस्थतियों में भी मनुष्य ईश्वर पर भरोसा रखकर जीवित रहा जा सकता है। प्रार्थन सभा में प्रभु यीशु की महिमा का बखान किया गया। मौके पर श्रद्धालुओं ने सामूहिक स्वागत और प्रार्थना गीत गाए।
मौके पर डा. नीलम होरो, डा डोरा, बबली, रिंकी, नीलम, विलसन, अनुराग, अर्पण सहित काफी संख्या में मसीही समाज के लोग मौजूद थे।
इसी तरह स्टेशन रोड स्थित शांति की महारानी गिरिजाघर में सुबह सात बजे ईस्टर की चर्च आराधना हुई। मुख्य अनुष्ठाता फादर संजय गिद्ध के नेतृत्व में चर्च आराधना और अन्य धर्म विधि संपन्न हुई।
इसमें उनका सहयोग पल्ली पुरोहित अरविंद मुंडा, अनीस ने किया। पुरोहितों ने कहा कि प्रभु यीशु ख्रीस्त पुनर्जीवित हो उठे, यह हमारे लिए आशा का संदेश है।
CNI चर्च, रेड़मा में सुबह छह बजे से चर्च आराधना शुरू हुई। पादरी संजीत खलखो ने चर्च आराधना संपन्न कराया। उन्होंने कहा कि जिस तरह क्रूस मृत्यु के बाद प्रभु यीशु का पुनरुत्थान हुआ और वे पुनर्जीवित हो उठे, उसी तरह मृत्यु के बाद मसीही विश्वासियों का भी पुनरुत्थान होगा।
मौके पर मसीद्धान गिद्ध, अलबन खाखा, अनुकरण तिर्की, सुनील तिर्की, हीरामणि तिर्की, सन्नी जान सहित मसीही समाज के कई लोग मौजूद थे।