रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ED) झारखंड में अवैध खनन मामले (Illegal Mining Cases) की लगातार जांच कर रहा है।
ED ने विशेष अदालत को बताया है कि उसने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) के प्रतिनिधि Pankaj Mishra के 83.98 लाख रुपये नकद वाले चार बैंक खातों को फ्रीज कर दिया है। जब अवैध खनन अपने चरम पर था, तो उसके बैंक खातों में बेहिसाब नकदी आ गई।
ED ने यह भी कहा है कि इस साल आठ जुलाई को पंकज मिश्रा के परिसरों में छापेमारी के दौरान ED ने एक पासबुक वाला सीलबंद लिफाफा और दो हस्ताक्षरित चेकबुक बरामद किए।
ED ने कहा कि पंकज मिश्रा के पास 10 बैंक खाते हैं
इसके अलावा 31 Blank check बरामद हुए, जो बैंक ऑफ इंडिया, साहिबगंज में गंगाप्रसाद शाखा के साथ हेमंत सोरेन के नाम पर 0004720 से सभी खाता संख्या 3422 से संबंधित हैं। ED ने इस बारे में कोई और टिप्पणी नहीं की है।
ED ने कहा कि पंकज मिश्रा के पास 10 बैंक खाते हैं, जो नकद और अन्य माध्यमों से उच्च मूल्य जमा को दर्शाते हैं। Agency ने दो सेटों में जमाओं का 11 साल का विश्लेषण प्रस्तुत किया।
पहला नकद के माध्यम से जमा और दूसरा चेक और RTGS और अन्य के माध्यम से जमा। वित्त वर्ष 2012-13 से 2022-23 की अवधि को कवर किया गया है।
विभिन्न स्रोतों से नकद जमा के माध्यम से पंकज मिश्रा को 1.60 करोड़ रुपये मिले और नकदी के अलावा अन्य बैंकिंग चैनलों (Banking Channels) के माध्यम से उन्हें 8.51 करोड़ रुपए मिले।
पंकज मिश्रा ने खनन की अनुमति देने के लिए 15 लाख की उगाही की थी
इस प्रकार 10 वर्षों में उन्हें इस तरह के जमा के माध्यम से 10 करोड़ रुपये से अधिक प्राप्त हुए। दो वित्तीय वर्षों 2021-22 और 2022-23 में पंकज मिश्रा के बैंक खातों में नकदी के अलावा अन्य बैंकिंग चैनलों के माध्यम से बहुत अधिक रुपये जमा किए गए थे।
वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान उनके एचडीएफसी (AC NO 50200062737102), बैंक ऑफ इंडिया की तिरुपति शाखा (AC NO 4648201100000160) और इंडियन ओवरसीज बैंक खाते (AC NO 23420100000444) में 45882780 (4.58 करोड़ रुपये) जमा किए गए।
अगले वित्तीय वर्ष में कुल दो जमा 15307340 रुपये (लगभग 1.53 करोड़ रुपये) उनके दो बैंक खातों बैंक ऑफ इंडिया और एचडीएफसी में थे।
ED ने पंकज मिश्रा के वित्त वर्ष 2015-16 से 2020-21 तक के आयकर रिटर्न और उनके द्वारा अपने आईटीआर में घोषित सकल प्राप्तियों को संलग्न किया है।
एजेंसी ने कहा कि उसे जो पैसा मिला और जो उसने अपने RTI में घोषित किया, उसके बीच बड़ा अंतर है। उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भी पंकज मिश्रा ने खनन (Mining) की अनुमति देने के लिए 15 लाख की उगाही की थी।