रांची: झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) के अधिवक्ता हिमांशु कुमार मेहता बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) के क्षेत्रीय कार्यालय पहुंचे।
सूत्रों ने बताया कि मेहता से ED के अधिकारियों ने पूछताछ शुरू कर दी है।
हिमांशु कुमार मेहता (Himanshu Kumar Mehta) पर गलत दस्तावेज के सहारे जयंत कर्नाड को बरियातू स्थित सेना के कब्जेवाली जमीन का किराया लेने का हकदार बनवाने और जमीन की बिक्री से मिली रकम का एक बड़ा हिस्से ले लेने का आरोप है।
ED ने अधिवक्ता को 20 जून को समन कर 28 जून को ED कार्यालय पूछताछ के लिए बुलाया था ।
ED को दस्तावेज देने में असमर्थ रहे
मामले की जांच के दौरान ED ने जयंत कर्नाड (Jayant Karnad) को समन कर पूछताछ के लिए बुलाया था।
ED ने कर्नाड से सेना के कब्जेवाली जमीन के मालिकाना हक से संबंधित दस्तावेज की मांग की थी।
लेकिन वह ED को दस्तावेज देने में असमर्थ रहे थे। ED को दिये गये बयान में उन्होंने कहा कि सारे दस्तावेज वकील हिमांशु कुमार मेहता के पास हैं।
जयंत कर्नाड के दस्तावेज और दावे गलत
ED की जांच में पता चला है कि अधिवक्ता हिमांशु कुमार मेहता की ओर से झारखंड हाई कोर्ट में प्रस्तुत किये गये जयंत कर्नाड के दस्तावेज और दावे गलत थे।
उन्होंने जानबूझकर हाई कोर्ट के समक्ष विशिष्ट तथ्यों को छुपाया, क्योंकि सेना खुद किराये का भुगतान करने के लिए सही दावेदार की तलाश कर रही थी।
उन्होंने हाई कोर्ट के समक्ष इस तथ्य को छुपाया कि याचिकाकर्ता जयंत कर्नाड के पास उत्तराधिकार प्रमाणपत्र नहीं है, जो कि बचाव पक्ष द्वारा आवश्यक था।
जयंत कर्नाड और हिमांशु कुमार मेहता ने साथ मिलकर झारखंड हाई कोर्ट से कागजात तैयार करके अनुकूल आदेश प्राप्त किये, जो संपत्ति के लिए जयंत कर्नाड के उत्तराधिकार को साबित कर सकते थे।