रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ED) झारखंड में अवैध खनन मामले (Illegal Mining Cases) में एक के बाद एक खुलासे कर रही है।
इस कड़ी में गुरुवार को बताया गया कि पंकज मिश्रा ने खनन व्यवसाय (Mining Business) की अनुमति देने के लिए 15 लाख रुपये की उगाही की थी।
यह जानकारी स्टोन क्रशर के मालिक और साहिबगंज में अवैध पत्थर खनन (Illegal Stone Mining) के मुख्य गवाह विनोद कुमार ने ED को दी है।
पंकज मिश्रा ने पत्थर खनन क्षेत्र पर भी कब्जा कर लिया
विनोद ने ED को बताया है कि पैसे लेने के बाद भी पंकज ने उसे कारोबार नहीं करने दिया और पैसे वापस नहीं किये।
उसने अलग-अलग व्यक्तियों से पैसे उधार लिए थे और उन्होंने एक स्थानीय JMM पदाधिकारी के माध्यम से नकद भुगतान किया, जो स्थानीय सांसद का करीबी है। इसके बावजूद वह स्टोन क्रशर इकाई को फिर से चालू नहीं कर सका।
विनोद ने ED के बताया कि जब उसने पैसे वापस करने के लिए कहा, तो उसे धमकी दी गई।
इतना ही नहीं पंकज मिश्रा ने पत्थर खनन क्षेत्र पर भी कब्जा कर लिया और वहां भी अवैध खनन (Illegal Mining) को अंजाम दिया। गवाह ने ED को कुछ सबूत भी सौंपे और कहा कि कई और भी सबूत उसके पास मौजूद हैं।
ED ने पंकज मिश्रा की 42 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता लगाया
ED सूत्रों के मुताबिक CM के स्थानीय प्रतिनिधि होने की वजह से पंकज मिश्रा का राजनीतिक दबदबा (Political Clout) था। वह सहयोगियों के माध्यम से साहिबगंज और उसके आसपास के क्षेत्रों में अवैध खनन (Illegal Mining) व्यवसायों के साथ अंतर्देशीय नौका सेवाओं (Inland Ferry Services) को नियंत्रित करता है।
साहिबगंज में विभिन्न खनन स्थलों पर स्थापित कई क्रशरों के स्थापना और संचालन के साथ पत्थर के चिप्स और बोल्डर के खनन पर भी उनका बहुत अधिक नियंत्रण है।
उल्लेखनीय है कि ED ने बुधवार को Press Release जारी कर कहा था कि झारखंड में एक हजार करोड़ से अधिक का अवैध खनन (Illegal Mining) हुआ है। ED ने पंकज मिश्रा की 42 करोड़ रुपये की संपत्ति का पता लगाया है, जो अवैध तरीके से जुटाई गई थी।