रांची: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सोमवार को रांची के क्षेत्रीय कार्यालय में बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल (Birsa Munda Central Jail) के अधीक्षक हामिद अख्तर और जांच अधिकारी सह झारखंड पुलिस के ASI सरफुद्दीन खान से पूछताछ की।
जेल अधीक्षक से RIMS में पंकज मिश्रा (Pankaj Mishra) के फोन से किये गये बातचीत के बारे में पूछताछ की गयी। साथ ही रिम्स में बात करते फुटेज के बारे में भी पूछा। सूत्रों ने बताया कि दोनों से लगभग सात घंटे तक पूछताछ की गयी।
बरहरवा टोल प्लाजा से जुड़ा है मामला
ED को पूछताछ में जांच अधिकारी खान ने बताया कि बरहरवा टोल प्लाजा मामले में व्यवसायी शंभू नंदन ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी। प्राथमिकी के 24 घंटे के भीतर साहिबगंज पुलिस ने मंत्री आलमगीर आलम और पंकज मिश्रा (Alamgir Alam and Pankaj Mishra) को क्लीन चिट दे दी थी।
जांच की निगरानी कर रहे DSP Pramod Mishra ने बिना किसी प्रारंभिक जांच और डिजिटल साक्ष्य के पंकज मिश्रा को क्लीन चिट दे दी थी। प्रमोद मिश्रा बरहरवा के DSP के पद पर तैनात थे।
खान ने ED को बताया कि पंकज मिश्रा और आलमगीर आलम के खिलाफ जांच बंद करने का फैसला उनके वरीय अधिकारियों का था।
ED अवैध पत्थर खनन घोटाले के दौरान जांच कर रही है
उल्लेखनीय है कि 22 जून 2020 को बरहरवा पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अगले दिन मामले की निगरानी हुई और उसके अगले ही दिन संबंधित DSP ने मंत्री आलमगीर और पंकज मिश्रा को क्लीन चिट दे दी थी।
जल्द ही मामले को लेकर ED डीएसपी प्रमोद मिश्रा (DSP Pramod Mishra) को समन कर सकता है। साहिबगंज जिले में दर्ज बरहरवा टोल प्लाजा का मामला उन मामलों में शामिल है, जिनकी ED अवैध पत्थर खनन घोटाले के दौरान जांच कर रही है।