ED questioned three people including former minister in Birsa Munda jail: प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम मंगलवार को होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार पहुंची। अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ED की टीम टेंडर कमीशन घोटाला और जमीन घोटाला मामले की जांच को लेकर जेल पहुंची है। जानकारी के मुताबिक ग्रामीण विकास विभाग में कमीशन को लेकर पूर्व मंत्री आलमगीर आलम और उनके पीएस संजीव लाल से ED ने पूछताछ की जबकि रांची जमीन घोटाले में कांके में जमीन हड़पने से जुड़े ECIR 5/24 के गवाह प्रवीण जायसवाल से ED ने जेल में पूछताछ की।
उल्लेखनीय है कि कांके अंचल के पूर्व CO दिवाकर प्रसाद द्विवेदी को प्रवीण के बयान के आधार पर ही चार्जशीटेड किया गया था। ED ने प्रवीण को 28 मार्च को समन देकर एजेंसी में पूछताछ के लिए बुलाया भी था, लेकिन इससे पूर्व ही कांके पुलिस ने 19 मार्च को दर्ज जमीन फर्जीवाड़े के केस में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
ED ने प्रवीण जायसवाल का बयान दर्ज कराने के लिए ED की विशेष अदालत से जेल में पूछताछ की अनुमति मांगी थी।
कांके थाने में गिरफ्तारी के बाद थाने में दिए गए स्वीकारोक्ति बयान में ईडी की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं। प्रवीण के बयान में बताया गया कि ईडी के समक्ष उनके जरिये दिए गए बयान में उसे जबरन लेन-देन का साक्षी होने का दबाव डाला गया।
थाने में दिए स्वीकारोक्ति बयान में बताया गया कि उसके साथ मारपीट कर जबरन ED के अफसरों ने हस्ताक्षर कराए। ED के समक्ष दिया गया बयान बिना पूछे लिखा हुआ था, जिस पर जबरन हस्ताक्षर लिये गए। प्रवीण की स्वीकारोक्ति में जिक्र है कि कमलेश कुमार के जरिये दिए गए झूठे बयान के आधार पर लिखे बयान पर ईडी ने हस्ताक्षर करवा लिये थे।