नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को जम्मू-कश्मीर में धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के तहत जम्मू-कश्मीर बैंक में संदिग्ध लेनदेन से संबंधित मामले में सात स्थानों पर तलाशी ली है।
श्रीनगर में 6 और अनंतनाग जिले में एक स्थान पर ईडी अधिकारियों ने तलाशी ली है।
प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार सीआईडी जांच के बाद ईडी ने पीएमएलए जांच शुरू की।
इसके बाद जे एंड के बैंक के अधिकारियों, अज्ञात लोक सेवकों, निजी व्यक्तियों व कुछ अन्य के खिलाफ विभिन्न बैंक खातों में संदिग्ध लेनदेन के मामले में एफआईआर दर्ज की गई।
ईडी का आरोप है कि बैंक खातों का इस्तेमाल लोक सेवकों के पैसे के साथ-साथ कुछ निजी दलों के लिए भी किया गया है।
बैंक के प्रबंध निदेशक ने भी बताया है कि प्राथमिकी में यह आरोप लगाया गया था कि बैंक खातों का इस्तेमाल अधिकारियों के साथ-साथ कुछ निजी पार्टियों के पैसे भी चलाए गए हैं।
वहीं पीएमएलए के तहत अब तक की जांच-पड़ताल में पता चला है कि जम्मू-कश्मीर बैंक के साथ रखे गए इन कई बैंक खातों में लेनदेन वास्तविक नहीं थे और इन खातों का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग के लिए किया जा रहा था।
ईडी सूत्रों के अनुसार शनिवार को श्रीनगर और अनंतनाग जिलों में मोहम्मद इब्राहिम डार, मुर्तजा एंटरप्राइजेज, आजाद एग्रो ट्रेडर्स, एमएंडएम कॉटेज इंडस्ट्रीज और मोहम्मद सुल्तान तेली के स्वामित्व वाले सात स्थानों पर छापेमारी की गई है।
इन स्थानों पर तलाशी में मनी लॉन्ड्रिंग के सबूत मिले हैं। साथ ही यह भी साबित होता है कि बैंक खातों का इस्तेमाल संदिग्ध लेनदेन के लिए किया गया था।
अब तक बरामद दस्तावेजों में संबंधित पक्ष के होटल, कृषि-खाद्य उद्योग, नागरिक निर्माण और अचल संपत्ति के कागजात शामिल हैं।
ईडी के मुताबिक आज जिन लोगोें के यहां तलाशी ली गई है, उनके बयान को उनके खातों में हुए क्रेडिट और डेबिट के स्रोत को जानने के लिए रिकॉर्ड किया गया है।
इसके अलावा बरामद दस्तावेजों और सॉफ्ट डेटा की भी गहन जांच की जा रही है।