Hazaribagh ED Raid: कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद, पिता पूर्व मंत्री योगेंद्र साव, भाई अंकित राज और CO शशि भूषण सिंह को ED ने समन भेजा है। सभी से अगले सप्ताह अलग-अलग तारीखों में रांची जोनल ऑफिस में पूछताछ की जाएगी।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जबरन वसूली, लेवी की वसूली, अवैध बालू खनन और जमीन पर कब्जा करने को लेकर कांग्रेस विधायक अंबा प्रसाद और उनसे जुड़े लोगों के 20 ठिकाने पर छापा मारा था।
ED ने गुरुवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि योगेंद्र साव, उनके परिवार के सदस्यों और उनके सहयोगियों के खिलाफ IPC, 1860, शस्त्र अधिनियम, 1959 की विभिन्न धाराओं के तहत झारखंड पुलिस के जरिये दर्ज 15 से अधिक एफआईआर के आधार पर ED ने यह जांच शुरू की।
प्राथमिकी में आरोप है कि योगेन्द्र साव, अंबा प्रसाद अपने सहयोगियों के साथ विभिन्न प्रकार की आपराधिक गतिविधियों जैसे जबरन वसूली, लेवी की वसूली, अवैध रेत खनन, भूमि पर कब्जा आदि में शामिल हैं, जिसके परिणामस्वरूप उन्होंने अपराध से आय अर्जित की है।
तलाशी अभियान के दौरान 35 लाख रुपये, डिजिटल उपकरण, सर्किल कार्यालयों, बैंकों आदि के नकली टिकट और हाथ से लिखी रसीदें, डायरियां आदि के रूप में विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद और जब्त किए गए हैं।
तलाशी के दौरान झारखंड राज्य में अवैध बालू खनन से जुड़े साक्ष्य भी जब्त किये गये हैं। ऐसी आपराधिक गतिविधियों से उत्पन्न अपराध की आय को नकद में अर्जित करने और बाद में आगे की व्यावसायिक गतिविधियों और कई अंचल संपत्तियों की खरीद के लिए उपयोग किए जाने की पहचान की गई है। मामले में आगे की जांच जारी है।
दर्ज मामलों को आधार बनाते हुए ECIR दर्ज कर की कार्रवाई
ED ने प्रेस बयान में कहा है कि रांची, हजारीबाग में योगेंद्र साव, अंबा प्रसाद, उनके रिश्तेदारों व करीबियों के 20 ठिकानों पर मनी लाउंड्रिंग की धाराओं के तहत छापेमारी हुई थी। ED ने जमीन लूट, रंगदारी, अवैध बालू कारोबार, आर्म्स एक्ट मामले में योगेंद्र साव, अंबा प्रसाद समेत अन्य पर दर्ज मामलों को आधार बनाते हुए ECIR दर्ज कर कार्रवाई की।
ED ने कहा है कि CO कार्यालय व बैंक के फर्जी स्टांप मिले थे। शक है कि इनका इस्तेमाल फर्जी दस्तावेज बनाने में हुआ होगा।
जांच में हाथ से लिखे रिसिप्ट व डायरियों की इंट्रियां मिली हैं। इससे बालू के अवैध खनन व कारोबार से भारी मात्रा में कैश जुटाने की बात सामने आयी है। ED ने सैकड़ों जमीन की खरीद, कब्जे से जुड़े तथ्य भी छापेमारी में हासिल किए हैं। वहीं डिजिटल डिवाइस में भी कई साक्ष्य होने की बात सामने आयी है।