ED Took Action Regarding Digital Arrest: PM मोदी (PM Modi) ने हाल ही में डिजिटल अरेस्ट (Digital Arrest) के खतरों से सावधान रहने की अपील की थी।
इसके बाद जांच एजेंसियों ने कहा कि वे Cyber Crime की इस कैटेगरी के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हैं। इसी कड़ी में ED ने इस तरह के एक मामले में चार्जशीट दाखिल की है।
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कहा कि एजेंसी ने पिछले महीने बेंगलुरु में एक विशेष PMLA कोर्ट के समक्ष आठ आरोपियों के खिलाफ अभियोजन शिकायत दर्ज की थी, जिन्होंने कथित तौर पर फर्जी IPO आवंटन के माध्यम से लोगों को लालच दिया था।
ED ने कहा, जांच में मिला है कि भारत में साइबर घोटालों का एक बड़ा नेटवर्क है, जिसमें फर्जी शेयर बाजार निवेश और डिजिटल अरेस्ट की साजिशें शामिल हैं, जिन्हें मुख्य रूप से Facebook, Instagram, WhatsApp और Telegram जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्मों के द्वारा अंजाम दिया जा रहा है।
ED ने कहा, शेयर बाजार निवेश घोटाले को पिग-बुचरिंग स्कैम के नाम से जाना जाता है। इसमें स्कैमर्स पीड़ितों को उच्च रिटर्न के वादे के साथ लुभाते हैं, नकली Websites और भ्रामक Whatsapp groups का इस्तेमाल करते हैं जो बिल्कुल असली और प्रतिष्ठित वित्तीय फर्मों से जुड़े लगाते है।
वीडियो कॉल करने वाले पुलिस, CBI , कस्टम अधिकारी या जज नहीं हैं
ED ने कहा कि घोटाले के कुछ पीड़ितों को कस्टम और CBI द्वारा डिजिटल अरेस्ट की आड़ में फंसाया गया और नकली फंड रेगुलराइजेशन प्रोसेस के तहत विभिन्न शेल या डमी कंपनियों में भारी धनराशि ट्रांसफर की गई।
भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (i4C) ने रविवार को एडवाइजरी जारी कर लोगों से डिजिटल अरेस्ट से सावधान रहने के लिए कहा। एडवाइजरी (Advisory) में बताया गया कि वीडियो कॉल करने वाले लोग पुलिस, CBI , कस्टम अधिकारी या जज नहीं हैं।
ED ने कहा कि एजेंसी ने कई पुलिस FIR को स्टडी करने के बाद अपराध में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर आठ लोगों को गिरफ्तार किया, जिनका नाम 10 अक्टूबर को दायर चार्जशीट में भी आरोपी के रूप में शामिल था। ये नाम हैं चरण राज सी, किरण एस के, शाही कुमार एम, सचिन एम हैं, तमिलारासन, प्रकाश आर, अजित आर और अरविंदन, साथ ही 24 संबंधित कंपनियां।
गिरफ्तार सभी लोग फिलहाल न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद हैं। साइबर क्राइम मामले (Cyber Crime Cases) में 159 करोड़ रुपये की अपराध आय शामिल है। ED ने कहा कि धोखेबाजों ने धोखाधड़ी को अंजाम देने के लिए सैकड़ों सिम कार्ड इस्तेमाल किए जो या तो शेल कंपनियों के बैंक खातों से जुड़े थे या Whatsapp अकाउंट बनाने के लिए इस्तेमाल किए गए थे।