रांची: फर्जी दस्तावेज बनाकर सेना की तकरीबन साढ़े चार एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री के मामले (Purchase And Sale Matters) में IAS छवि रंजन (IAS Chhavi Ranjan) से ED आगामी एक मई को दुबारा पूछताछ करेगी।
सोमवार को उनसे तकरीबन साढ़े दस घंटे तक पूछताछ हुई। इस दौरान छवि रंजन को उस वक्त बड़ी फजीहत का सामना करना पड़ा, जब जमीन घोटाले में पहले से गिरफ्तार छह आरोपियों ने आमने-सामने पूछताछ के दौरान साफ तौर पर कहा कि इस पूरे प्रकरण के मास्टरमाइंड (Mastermind) वही हैं। हालांकि छवि रंजन ने उनके आरोपों को नकार दिया।
साढ़े चार एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री हुई
ED सूत्रों के अनुसार, छवि रंजन कई सवालों के संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। अब ED ने उन्हें आगामी एक मई को अपनी और अपने परिजनों की संपत्ति के तमाम ब्योरों के साथ हाजिर होने को कहा है।
छवि रंजन कुछ महीने पहले तक रांची के उपायुक्त के तौर पर तैनात थे। इसी दौरान रांची के Bariatu इलाके में स्थित सेना के कब्जे वाली साढ़े चार एकड़ जमीन की खरीद-बिक्री हुई।
कई सवालों के जवाब से छवि रंजन ED को संतुष्ट नहीं कर पाए
इस मामले में मनी लॉन्ड्रिंग (Money Laundering) की शिकायत मिलने के बाद ED ने केस दर्ज कर जांच शुरू की तो खुलासा हुआ है कि बंगाल में जमीन के फर्जी दस्तावेज तैयार कर इसकी बिक्री की गई।
रांची के अवर निबंधक ने जमीन की रजिस्ट्री करते हुए लिखित टिप्पणी की थी कि यह रजिस्ट्री रांची के उपायुक्त के आदेश पर की जा रही है। ED ने उनकी पूछा कि उस जमीन पर कब्जा सेना का था लेकिन प्रदीप बागची नामक शख्स का फर्जी कब्जा दिखाया गया।
रांची नगर निगम से फर्जी दो-दो होल्डिंग दिखाकर जमीन की रजिस्ट्री करवा ली, यह कैसे संभव हुआ। फजीर्वाड़ा के इस बड़े खेल से संबंधित कई सवालों के जवाब से छवि रंजन ED को संतुष्ट नहीं कर पाए।
21 ठिकानों पर छापेमारी कर कई दस्तावेज बरामद किए
दूसरी तरफ ED द्वारा इस घोटाले में पूर्व में गिरफ्तार किए गए आरोपियों ने कहा कि रांची का उपायुक्त बनने के बाद उन्होंने ही सभी जमीन कारोबारियों से संपर्क कर अपने Office में बुलाया था। उन्होंने ही सभी से जमीन के लिए फजीर्वाड़ा करने को कहा था। हालांकि छवि रंजन इससे इनकार करते रहे।
छवि रंजन वर्तमान में झारखंड सरकार (Government of Jharkhand) में समाज कल्याण विभाग में निदेशक के तौर पर तैनात हैं। करीब दस दिन पहले ED ने जमीन घोटाले में छवि रंजन के आवासों के अलावा 21 ठिकानों पर छापेमारी कर कई दस्तावेज बरामद किए थे।