नई दिल्ली: बुधवार को हुई अहम बैठक के बाद खाद्य सचिव ने सुधांशू पांडेय (Food Secretary Sudhanshu Pandey) ने जानकारी देते हुए बताया कि खाद्य तेलों की महंगाई के बीच केंद्र सरकार (Central Government) द्वारा कंपनियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं।
कंपनियों से कीमत में ₹10 प्रति लीटर तक की कमी लाने का निर्देश दिया गया है। एक ही ब्रांड के खाद्य तेल की MRP पूरे देश में एक जैसी रखने का निर्देश दिया गया है।
दरअसल दुनिया भर में खाद्य तेलों की कीमतों में आई गिरावट (Edible oil prices fall across the world) के बावजूद देश ने ऊंचे दामों को लेकर बुधवार को खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने खाद्य तेल कंपनियों से खुदरा दामों में कमी लाने को लेकर बैठक की थी।
सरकार ने तेल कंपनियों को वैश्विक स्तर पर दामों में आई गिरावट का लाभ ग्राहकों तक जल्द पहुंचाने का निर्देश दिया है।
वैश्विक स्तर पर दाम में गिरावट
सॉल्वेंट एसोसिएशन ऑफ इंडियाज एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर बीवी मेहता का कहना है कि वैश्विक स्तर पर खाद्य तेल की कीमत में प्रति टन 300 से $400 की गिरावट आई है।
लेकिन इसका प्रभाव घरेलू बाजार में होने में 1 महीने लग सकते हैं। आने वाले दिनों में भारत में भी खाद्य तेलों की कीमतों में कमी आ सकती है।
इससे पहले भी 22 जून को पांडेय ने कहा था कि खाद्य तेल बाजार में नरमी आनी शुरू हो चुकी है। क्योंकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कीमतों में कमी और सरकार के समय रहते हस्तक्षेप के कारण रिटेल बाजार में ऐसा संभव हुआ है।
पिछले महीने कई खाद्य तेल कंपनियों ने कीमतों में 10 से ₹15 प्रति लीटर की कमी दर्ज की है। भारत हर साल अपनी खाद्य तेल की कुल जरूरत का 60 फीसदी आयात करता है।
एसोसिएशन के मुताबिक वर्ष 2020-21 के विपणन वर्ष(नवंबर-अक्टूबर) के बीच खाद्य तेलों का आयात 131.3 लाख टन रहा है, जो काफी कम है।
सरकार ने खाद्य तेल कंपनियों को पैकेट में दर्शाए गए वजन की तुलना में कम मात्रा की उपभोक्ताओं की शिकायतों को दूर करने का निर्देश दिया है। साथ ही वैश्विक स्तर पर कीमतों में आई कमी का लाभ उपभोक्ताओं को दी जाए।