नयी दिल्ली: वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को राज्यसभा में यह जानकारी दी कि यूक्रेन में जारी युद्ध सहित कई कारणों से पूरी दुनिया में खाद्य तेलों के दाम बढ़ गये हैं।
देश के सूरजमुखी तेल के आयात पर यूक्रेन युद्ध के प्रभाव के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश के कुल खाद्य तेलों की सूची में सूरजमुखी तेल का हिस्सा बहुत कम है।
उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन के बीच जंग छिड़ने से पहले यूक्रेन से सूरजमुखी तेल का आयात किया जाता था। इसी कारण अब सरकार इसे दूसरे देशों से आयात करने की संभावना पर विचार कर रही है।
पीयूष गोयल ने देश के किसानों को बधाई दी कि उन्होंने इस साल सरसों की अधिक फसल बोई है, जिससे देश को खाद्य तेल की आपूर्ति के लिये आयात पर निर्भर नहीं रहना होगा।
उन्होंने कहा कि यह भारत के लिये एक अवसर है कि वह किसानों को तिलहन, दलहन आदि विभिन्न फसलों को बोने के लिये प्रोत्साहित करे।
द्रविड़ मुनेत्र कषगम के सदस्य पी विल्सन ने सवाल पूछा कि युद्ध छिड़ने के बाद जो लोग अपना कारोबार छोड़कर यूक्रेन से वापस भारत आये, उनका क्या हुआ।
इस पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अभी तक किसी ने भी युद्ध के कारण कारोबार में हुई परेशानी को लेकर मंत्रालय में शिकायत नहीं की है।
उन्होंने कहा कि विदेशों में कारोबार करना स्वतंत्र गतिविधि है और सरकार ऐसे मामलों में हस्तक्षेप नहीं कर पायेगी लेकिन फिर भी युद्ध के कारण प्रभावित आयातकों और निर्यातकों से इस विषय में बात की गयी है तथा उनका भुगतान समय पर सुनिश्चित करने के लिये उपाय किये गये हैं।