रांची: शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने चेन्नई के एमजीएम अस्पताल से झारखंड के पारा शिक्षकों के लिए भावुक अपील की है।
उन्होंने कहा है कि आप सबकी दुआ से मुझे दूसरी जिंदगी मिली है और इसमें पहला काम मैं पारा शिक्षकों का ही करूंगा।
इसलिए आप सभी पारा शिक्षक अपना आंदोलन वापस ले लें। जब उन्होंने मंत्री के रूप में अपना योगदान दिया था, तब भी पहला हस्ताक्षर पारा शिक्षकों से संबंधित फाइल पर ही किया था।
हेमंत सरकार में किसी को आंदोलन करने की जरूरत नहीं है। सरकार मांगों को लेकर गंभीर है।
उन्होंने शनिवार को चेन्नई के अस्पताल से मीडिया के माध्यम से बताया कि सोमवार को उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी।
इसके बाद एक सप्ताह के अंदर वह झारखंड लौट आएंगे। राज्य की जनता के साथ ही सरस्वती पूजा करेंगे।
बैठक के दिन ही खराब हो गई थी तबीयत
शिक्षा मंत्री ने कहा है कि जिस दिन पारा शिक्षकों की मांगों को लेकर बैठक प्रस्तावित थी, उसी दिन उनकी तबीयत खराब हो गई।
ऐसे में बैठक नहीं हो पायी, जिससे मांगें पूरी होने में थोड़ी देरी हुई। लेकिन अब वह स्वस्थ हो चुके हैं। जल्द ही रांची लौटने वाले हैं।
अब पारा शिक्षकों की जो भी लंबित मांग है, वह जल्द पूरी होगी। कमेटी की ओर से उनकी मांगों पर निर्णय लिया जा चुका है। नियमावली का ड्राफ्ट भी फाइनल है।
सीएम आवास घेरने को तैयार पारा शिक्षक
राज्य के पारा शिक्षक स्थायीकरण और वेतनमान की मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं।
आंदोलन के प्रथम और द्वितीय चरण में पारा शिक्षकों ने राज्य के सत्ताधारी दल के सभी विधायकों और मंत्रियों के आवास के समक्ष धरना-प्रदर्शन किया। अब 10 फरवरी को मुख्यमंत्री आवास के समक्ष पारा शिक्षकों का प्रदर्शन प्रस्तावित है।
मंत्री के स्वस्थ होने की कामना करते रहे समर्थक
बता दें कि जब से शिक्षा मंत्री बीमार पड़े हैं, उसके बाद से ही उनके समर्थक लगातार उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना करते हुए पूजा-पाठ का आयोजन करते रहे हैं। चेन्नई जाकर लोगों ने उनका हाल-चाल जाना।
समर्थकों ने कहा है कि वे जल्द ही अपने लोगों के बीच होंगे।
अपने राज्य और अपने क्षेत्र में होंगे। किसी को चेन्नई आने की जरूरत नहीं है।
फिलहाल चेन्नई में मंत्री के साथ उनके भाई सह निवर्तमान मुखिया वासुदेव महतो, आप्त सचिव लोकेश्वर महतो, जयलाल महतो, भतीजा दिवाकर हैं।
चार माह बाद मंत्री जगरनाथ की सेहत अब ठीक
28 सितंबर 2020 को मंत्री जगरनाथ महतो कोरोना से संक्रमित हुए थे।
उन्हें रांची के रिम्स में भर्ती कराया गया। तबीयत बिगड़ने पर उन्हें मेडिका शिफ्ट कर दिया गया। वहां उनकी सेहत और बिगड़ती गयी।
इसके बाद 19 अक्टूबर 2020 को एयर एंबुलेंस से चेन्नई एमजीएम शिफ्ट कर दिया गया।
28 अक्टूबर 2020 को जगरनाथ महतो को ट्रेकियोस्टोमाइज्ड किया गया।
जब सीटी स्कैन में फेफड़ों में कोई सुधार नहीं दिखा, तो उनके फेफड़े को प्रत्यारोपित करने का फैसला किया गया। एकमो मशीन पर रहने के 23 दिन बाद उन्हें 10 नवंबर 2020 को फेफड़े के प्रत्यारोपण से गुजरना पड़ा।
8 दिसंबर 2020 को वेंटिलेटर सपोर्ट से हटा दिया गया। बाद में 1 जनवरी 2021 को उनकी ट्रेकियोस्टोमी को भी हटा लिया गया। अब उनकी सेहत बिल्कुल ठीक है।