धनबाद/रांची: लंबे समय से कोरोना की जंग लड़कर स्वस्थ हुए झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की मुश्किलें कम नहीं हो रही हैं। गबन के मामले में अग्रिम जमानत पर अदालत में सुनवाई टल गई है।
जगरनाथ महतो के खिलाफ गिरिडीह की अदालत में शिकायत वाद दाखिल कर गबन करने का आरोप लगाया गया था।
माननीय के लिए गठित विशेष अदालत ने दूसरे दिन जगरनाथ महतो की अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई शुरू हुई थी।
शिकतकर्ता डेगलाल राम के अधिवक्ता विनीत वत्स, अमित सिन्हा और बादल पासवान ने मंत्री के खिलाफ दस्तावेज अदालत में दाखिल किए और कुछ अहम दस्तावेज दाखिल करने के लिए समय मांगा, जिसपर न्यायालय ने जमानत की अर्जी पर सुनवाई की तारीख 21 अगस्त निर्धारित कर दी। गिरफ्तारी वारंट जारी करने के आवेदन पर 16 को सुनवाई होगी।
अग्रिम जमानत अर्जी में कहा गया था
गबन मामले में सूबे मंत्री ने अदालत में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की थी। शिकायतकर्ता के अधिवक्ता अमित सिन्हा और बादल पासवान ने बताया कि अग्रिम जमानत अर्जी का विरोध करने के लिए अदालत में विरोध आवेदन भी दायर कर दिया गया था।
मामले के एक अन्य आरोपित प्रताप यादव ने अदालत में आवेदन दायर कर मुकदमे को ट्रांसफर करने की अर्जी दाखिल की थी।
आवेदन में कहा गया था कि मामला मजिस्ट्रेट ट्रायल है। वह न तो एमपी हैं और ना ही एमएलए। इस कारण उनके मुकदमे की सुनवाई विशेष अदालत में नहीं की जा सकती।
क्या है मामला
दरअसल, झारखंड कामर्स इंटर कालेज डुमरी के प्रभारी प्राचार्य डेगलाल राम ने 9 फरवरी 2017 को काॅलेज के अध्यक्ष जगरनाथ महतो, फूलचंद महतो, रामेश्वर प्रसाद यादव, रविंद्र कुमार सिंह, प्रताप कुमार यादव, मोती लाल महतो और राजेंद्र महतो के विरुद्ध कालेज के 27 लाख रुपये गबन करने का आरोप लगाते हुए शिकायतवाद दर्ज कराया था।
27 जून 2019 को प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी गिरिडीह रंजय कुमार की अदालत ने उपरोक्त सभी के विरुद्ध प्रथम दृष्टया आरोप सही पाते हुए सम्मन जारी कर हाजिर होने का आदेश दिया था। इसके बाद भी आरोपित हाजिर नहीं हुए थे।
लिहाजा अदालत ने 20 जनवरी 2020 को मंत्री जगरनाथ समेत सभी आरोपितों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया था।