पटना: बिहार की मदरसा शिक्षा में बड़ा बदलाव हुआ है। 12वीं कक्षा में साइंस, आर्ट्स एवं कामर्स फैकल्टी की व्यवस्था लागू की गई है।
उर्दू भाषा में विज्ञान, कला एवं वाणिज्य संकाय की किताबें पढ़ाई जाने लगी हैं।
वहीं पहली से लेकर आठवीं कक्षा (तहतानिया से लेकर वस्तानिया तक) में एससीईआरटी (स्टेट काउंसिल आफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग, बिहार) और नौवीं से 12वीं (फौकानिया से मौलवी तक) में एनसीईआरटी (नेशनल काउंसिल आफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग) द्वारा विकसित पाठ्यक्रम और तैयार किताबें लागू की गई हैं।
बिहार राज्य मदरसा शिक्षा बोर्ड द्वारा यूनिसेफ के सहयोग से पहली से 12वीं (तहतानिया से मौलवी) कक्षा तक के पाठ्यक्रम की समीक्षा राष्ट्रीय स्तर की संस्थाओं ने की है।
राज्य सरकार ने मदरसों के छात्रों को दीनी तालीम के साथ आधुनिक एवं वैज्ञानिक शिक्षा से जोड़ने की प्राथमिकता दी है।