नई दिल्ली: नई शिक्षा नीति कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से प्रभावित हमारी पीढ़ी को प्रभावी बुद्धिमत्ता यानि इफेक्टिव इंटेलिजेंस की ओर ले जाएगी। इस नीति द्वारा हम टैलेंट की पहचान तो करेंगे ही साथ ही उसका विकास और विस्तार भी करेंगे।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने गुरुवार को शारदा यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में यह बात कही।
नई शिक्षा नीति में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को विशेष महत्व पर दिया गया है। छात्रों को स्कूली पढ़ाई के दौरान ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से अवगत कराया जाएगा, ताकि छात्र इसमें पारंगत हो सकें।
नई शिक्षा नीति के बारे में इस कार्यक्रम से जुड़े सभी लोगों को बताते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, हमारी नई शिक्षा नीति न सिर्फ देश में बल्कि पूरे विश्व में विचार-विमर्श का केंद्र रही और यह विश्व के सबसे बड़े रिफॉर्म के रूप में भी उभरी है।
इस दौर में ऐसे रिफॉर्म का कोई दूसरा उदाहरण पूरे विश्व में मौजूद नहीं है। इस नीति के माध्यम से हम सब भारत को एक वैश्विक ज्ञान की महाशक्ति के रूप में स्थापित करने हेतु प्रतिबद्ध भी हैं और सक्षम भी।
नई शिक्षा नीति के कार्यान्वयन के बारे में बात करते हुए डॉ. निशंक ने कहा, इस नीति के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी हम सबकी है। मैं आप सब लोगों से आवाहन करता हूं कि आपके पास ज्ञान, अनुभव, स्किल्स तथा एक्सपर्टीज का एक भरपूर खजाना है।
अब समय आ गया है कि अपनी क्षमताओं का उपयोग कर एक नए भारत, श्रेष्ठ, सशक्त, समृद्ध भारत का निर्माण करें। वह दिन दूर नहीं जब हम अपने भारत को पुन विश्व गुरु के रूप में स्थापित करेंगे।
निशंक ने कहा कि डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए एक परिवर्तन का दिन है। अब आप जहां भी जाएं, अपनी जड़ों से जुड़े रहें तथा अपने कार्यक्षेत्र में भारतीय जीवन मूल्यों की एक स्पष्ट छाप रखें। इसके अलावा उन्होंने सभी छात्रों को लगातार अपडेट, अपग्रेड और एजुकेट रहते हुए आगे बढ़ने की प्रेरणा दी।