रांची: झारखंड में नियोजन नीति (Employment Policy) के विरोध में झारखंड यूथ एसोसिएशन (Jharkhand Youth Association) की ओर से 10 और 11 जून को झारखंड बंद (Jharkhand Bandh) आहूत किया गया है।
बंद के पहले दिन शनिवार को राजधानी रांची में बंद का कोई असर नहीं दिखा।
रांची के कोकर, लालपुर, थड़पकना, कांटा टोली, अल्बर्ट एक्का चौक, कचहरी चौक सहित अन्य स्थानों पर दुकानें खुली रही।
सड़कों पर वाहन अन्य दिनों की तरह चलते हुए दिखे।
‘नाय चलतो’ का लगाया नारा
बोकारो, हजारीबाग, दुमका और सरायकेला समेत कई जिलों में झारखंड बंद का व्यापक असर दिखा।
कई जगहों पर छात्र संगठन ने टायर जलाया तो कई जगहों पर सड़क पर जाम लगाकर विरोध किया।
60:40 नाय चलतो का नारा भी लगाया गया। बंद समर्थकों ने नामकुम थाना (Namkum Police Station) क्षेत्र के रामपुर बाजार के समीप रांची जमशेदपुर हाइवे पर टायर जलाकर आवागमन को अवरुद्ध किया।
सूचना पर पहुंची पुलिस ने आग बुझाकर आवागमन सामान्य कराया।
बंद समर्थक शनिवार को झारखंड स्टेट स्टूडेंट्स यूनियन (JSSU) के प्रमुख देवेन्द्र नाथ महतो के नेतृत्व में सड़कों पर उतरे।
कांटा टोली बस स्टैंड के दुकानों को बंद कराया और बस ऑनर एसोसिएशन (Bus Honor Association) से बस नहीं चलाने का मांग किया, जिसका एसोसिएशन ने समर्थन किया।
इसके बाद बंद समर्थक नामकुम के रामपुर स्थित रांची टाटा मार्ग पर टायर जलाकर आगजनी की।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और टायर को सड़क से हटाया बंद समर्थक वहां से भागे।
हजारीबाग के बड़कागांव में असर
हजारीबाग के बड़कागांव में झारखंड में 60-40 नियोजन नीति को रद्द कराने, झारखंड के सभी बहाली यों में झारखंड का स्थाई निवासी शब्द को जोड़ने, खतियानी नियोजन नीति को लागू कराने एवं झारखंड के मूल निवासियों को नौकरी प्रदान करने की मांगों को लेकर शनिवार सुबह से ही सड़क जाम कराया गया।
कई जगहों पर पुलिस के गैरमौजूदगी में बंद समर्थकों ने उत्पात मचाने की कोशिश की।
सरायकेला में बंद का आंशिक असर
बंद का सरायकेला खरसावां जिला में आंशिक असर रहा। बंद समर्थकों ने सरायकेला कांड्रा मुख्य मार्ग को बड़ा कंकडा मोड़ के समीप जाम कर दिया।
जाम कुछ देरी के लिए रहा। इस दौरान सूचना पर सरायकेला थाना की पुलिस जाम स्थल पहुंची और आंदोलनकारियों को समझा बुझाकर जाम हटाया, जिससे आवागमन सामान्य हुआ।
बंद के दौरान जिला मुख्यालय की दुकानें खुली रही। जबकि वाहनों का अवगमन भी सामान्य दिनों की तरह हुआ।
बोकारो में दिखा बंद का व्यापक असर
बंद के पहले दिन शनिवार को बेरमो अनुमंडल के फुसरो क्षेत्र में असरदार रहा।
पहले दिन के बंदी को लेकर यूनियन के स्थानीय नेताओं व युवाओं ने सुबह से ही सड़कों पर निकलकर दुकानों को बंद करवाया, जिसके बाद फुसरो स्थित शहीद निर्मल महतो के समीप सड़क जाम कर दिया।
सड़क जाम से फुसरो-डुमरी और फुसरो-जैनामोड़ सडक सर भारी वाहनों की कतार लगी रही।
बंद समर्थक बाइक से सड़कों पर घूम-घूमकर बंद का जायजा लेते रहे।
बंद के दौरान फुसरो बाजार, पुराना BDO ऑफिस आदि क्षेत्रों की दुकानें पूरी तरह से बंद है और सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा।
बंदी से कोयला और छाई के ट्रांसपोर्टिंग पर भी असर पड़ा।
दुमका में दिखा झारखंड बंद का असर
नियोजन नीति 60-40 के विरोध में झारखंड बंद का असर दुमका में साफ देखने को मिला।
सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय छात्र समन्वय समिति के बैनर तले काफी संख्या में छात्र सुबह से ही सड़कों पर उतर कर आवागमन पूरी तरह ठप कर दिया।
छात्रों की टोली शहर के फूलो झानो चौक, दुधानी टावर चौक, अम्बेडकर चौक सहित विभिन्न चौक-चौराहे को जाम कर दिया।
जाम स्थल पर वाहनों की लंबी कतार लग गयी। बंद का असर बाजार पर भी पड़ा। शहर की दुकानें भी बंद रहीं।
1500 पुलिस जवान तैनात किए गए
बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पूरी तरह वीरान दिखी।
दूसरी ओर बंद को लेकर राजधानी रांची के सभी चौक चौराहों पर पुलिस बल की तैनाती की गई है।
रांची SSP किशोर कौशल बंद को लेकर खुद मॉनिटरिंग करते रहे।
उन्होंने बताया कि बंद को लेकर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।
अब तक बंद के दौरान कहीं से भी कोई अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। रांची में 1500 पुलिस जवान तैनात किए गए है।
दो दर्जन से अधिक अलग से CCTV लगाया गया
मुख्यमंत्री आवास, मोरहाबादी मैदान और उसके आसपास इलाके में दो दर्जन से अधिक अलग से CCTV लगाया गया है।
इसके अलावा दो ड्रोन कैमरा भी रखा गया है। SSP ने कंट्रोल रूम में तैनात पुलिसकर्मियों को बंद की पूरी निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है।
इस दौरान SSP ने कहा कि झारखंड बंद के दौरान अशांति फैलाने वाल लोगों को कतई बक्शा नहीं जाएगा।
JSSU के प्रमुख देवेंद्र नाथ महतो ने कहा कि यह बंद 60:40 हकमार नियोजन नीति के खिलाफ बुलाया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य में साढ़े तीन लाख से ज्यादा रिक्त पद हैं, पर थर्ड और फोर्थ ग्रेड की नौकरियों में दूसरे राज्यों के लोगों को भी पात्रता दी जा रही है।
यह सरकार हमारी बात नहीं सुन रही है। बिना गजट प्रकाशित किये 60:40 के अनुपात में लगातार विज्ञापन निकाल रही है, जिसमें झारखंड शब्द को गायब कर दिया जा रहा है।