बोकारोः झारखंड में सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत छात्र.छात्राओं को बेहतर सुविधा व संसाधन देने का प्रयास किया जा रहा है।
इसी कड़ी में जिले के सरकारी हाई स्कूलों को प्लस टू हाई स्कूलों के रूप में विकसित करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई।
इसके तहत जिले के नौ प्रखंडों के सात सरकारी हाई स्कूलों को प्लस टू स्तर पर विकसित किया जाएगा। इस संबंध में शिक्षा विभाग की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है।
बता दें कि फिलहाल जिले के 9 प्रखंड में 29 प्लस टू हाई स्कूल का संचालन किया जा रहा है। लेकिन अब प्लस टू हाई स्कूलों की संख्या 37 हो जाएगी।
मैट्रिक तक पढ़ाई की खत्म होगी मजबूरी
शिक्षा विभाग के अनुसार, जिले के 9 प्रखंडों में स्थित 29 प्लस टू हाई स्कूलों में नौवीं और दसवीं कक्षा में कुल 26347 छात्र.छात्राएं व 11वीं व 12वीं कक्षा में कुल 13622 छात्र.छात्राएं अध्ययनरत है।
इसके साथ ही जिले में कई इलाके ऐसे हैं, जहां प्लस टू में पढ़ाई की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण छात्र.छात्राएं मैट्रिक तक ही पढ़ाई कर पाते थे। लेकिन, अब सुदूरवर्ती इलाकों के छात्र छात्राएं प्लस टू की पढ़ाई कर सकेंगे।
जिले के सभी प्लस टू सरकारी स्कूलों में विज्ञान प्रयोगशाला को अपग्रेड किया जाएगा।
जिससे छात्र व छात्रों में विज्ञान के प्रति रुझान पैदा करने व आविष्कार के लिए उन्हें तैयार किया जाएगा। इससे सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत छात्र व छात्राओं को विज्ञान के प्रति रुझान बढ़ेगा।
ये हाईस्कूल किए जाएंगे अपग्रेड
सरकारी हाई स्कूल को प्लस टू स्तर पर विकसित किए जाने के बाद उन्हें स्कूलों में के शिक्षकों का भी प्रतिनियुक्ति की जाएगी।
जिन स्कूलों को प्लस टू में तब्दील किया जाएगा, उसमें उच्च विद्यालय बरमसिया, उत्क्रमित उच्च विद्यालय महाल, प्रोजेक्ट गर्ल्स हाई स्कूल नावाडीह, कार्तिक चंद्र शर्मा उच्च विद्यालय चिकिसिया, उच्च विद्यालय भिंडरा, उच्च विद्यालय पैक, उच्च विद्यालय तेलो के नाम शामिल हैं।