सोनीपत : दिल्ली की सीमा पर किसान पिछले 85 दिन से डटे हुए हैं और लगातार तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी का कानून को बनाने की मांग कर रहे हैं।
सोनीपत के सिंघु बॉर्डर पर अब तक 19 किसान दम तोड़ चुके हैं।
बीती देर रात बेयापुर निवासी राजेंद्र की मौत हो गई। इस दौरान सोनीपत के सिविल अस्पताल की लापरवाही भी उजागर हुई। शवगृह के फ्रीजर में रखे शव को रात में चूहों ने कुतर डाला।
राजेंद्र के शव को जब देर रात सोनीपत कुंडली थाना पुलिस शव गृह में रखवा कर गई थी। सुबह जब राजेंद्र के परिजन अस्पताल के शवगृह पहुंचे तो उनका शव को देखकर भौचक्के रह गए।
राजेंद्र के शव को रात में चूहों ने कुतर डाला था। सोनीपत सिविल अस्पताल के प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर जय भगवान ने कहा कि यह गंभीर मामला है। हम इस मामले की जांच करेंगे कि आखिर फ्रीजर में चूहे कैसे पहुंचे।
उन्होंने कहा कि फोर्थ क्लास कर्मचारियों ने जब शव को फ्रीजर में रखा तो चूहे फ्रीजर के अंदर कैसे पहुंच गए। इस मामले में हम कार्रवाई कर रहे हैं, जो भी दोषी होगा उसके विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।
परिजनों ने बताया कि राजेंद्र 4 दिन पहले ही आंदोलन में भाग लेने के लिए गया था।
वहां उसकी मौत हो गई। कुंडली थाना के जांच अधिकारी राजेश ने बताया कि सोनीपत सिंघु बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन में सोनीपत के गांव बैयापुर के रहने वाले राजेंद्र नाम के किसान ने हृदय गति रुकने के चलते दम तोड़ दिया।