नई दिल्ली: असम में 6 अप्रैल को तीसरे और आखिरी चरण का मतदान होगा। हालांकि, उससे पहले दो सरकारी कर्मचारियों को चोरी करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
बताया जा रहा है कि ये दोनों कर्मचारी बारपेटा जिले में चुनाव आयोग के दफ्तर से 55 लाख रुपये चोरी कर रहे थे। उन्हें रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया और पुलिस के हवाले कर दिया गया।
चोरी की यह घटना 3 अप्रैल की सुबह अंजाम दी जा रही थी। इनमें एक कर्मचारी चुनाव आयोग के दफ्तर में ही कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर तैनात था तो दूसरा जूनियर असिस्टेंट के पद पर काम कर रहा था।
मामले की जानकारी मिलने के बाद बारपेटा पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई।
साथ ही, दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। उनके कब्जे से चोरी की गई रकम भी बरामद कर ली गई।
चुनाव आयोग के दफ्तर में रखे 55 लाख रुपये 6 अप्रैल को होने वाले आखिरी चरण के मतदान के लिए निकाले गए थे। दरअसल, इन रुपयों को चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मचारियों पर खर्च किया जाना था।
पुलिस ने बताया कि 6 अप्रैल को असम में आखिरी चरण का मतदान होना है।
ऐसे में बारपेटा में जिन अधिकारियों की ड्यूटी चुनाव में लगी है, उनके नाश्ते-पानी और खर्च आदि के लिए 2 अप्रैल को 55 लाख रुपये निकाले गए थे।
यह रकम चुनाव अधिकारी के चैंबर में रखी गई थी और दोनों आरोपियों ने उसे चुरा लिया। चुनाव आयोग के दफ्तर से 55 लाख रुपये चोरी होने की जानकारी मिलते ही हड़कंप मच गया।
अधिकारी हरकत में आ गए और मामले की जानकारी पुलिस को दे दी गई।
पुलिस ने बताया कि चोरी की रकम शहर में पांच अलग-अलग ठिकानों से बरामद की गई। फिलहाल इस मामले की जांच की जा रही है।
बता दें कि असम में विधानसभा की कुल 126 सीटें हैं, जिन पर तीन चरणों में चुनाव हो रहे हैं।
पहले चरण का मतदान 27 मार्च को हुआ था, जबकि एक अप्रैल को दूसरे चरण का मतदान हुआ। अब 6 अप्रैल को तीसरे चरण में 40 सीटों पर वोटिंग होगी और 2 मई को नतीजे घोषित किए जाएंगे।
यहां सत्ता में आने के लिए 64 सीटें जीतनी जरूरी हैं। असम में फिलहाल भाजपा की सरकार है।
2016 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 60 सीटें जीती थीं, जबकि उसके सहयोगी दलों ने 26 सीटें अपनी झोली में डाली थीं। इसके अलावा कांग्रेस 26 और एआईयूडीएफ 13 सीटें ही जीत पाई थी।