नई दिल्ली: चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतगणना जारी है। इस बीच चुनाव आयोग ने रविवार को सभी मुख्य सचिवों को निर्देश दिया कि वे उम्मीदवारों की जीत का जश्न मना रहे लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करें।
यह आदेश तब आया, जब असम, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, केरल और पुडुचेरी में पिछले महीने चुनाव संपन्न हुए विधानसभा चुनावों की मतगणना जारी है।
गिनती पूरी होने से पहले चुनाव आयोग ने रविवार को कहा कि उसने कई जगहों पर जीत का जश्न मनाने के लिए लोगों के जमा होने को लेकर कड़ा रुख अपनाया है।
आयोग ने संबंधित राज्यों के मुख्य सचिवों से कहा है कि ऐसी स्थिति में प्राथमिकी दर्ज की जाए तथा थाना प्रभारी को निलंबित किया जाए।
कई जगहों पर जीत का जश्न मनाए जाने की खबरों के संबंध में आयोग के एक प्रवक्ता कहा कि निर्वाचन आयोग ने लोगों के जमा होने और जश्न मनाने संबंधी कुछ खबरों का संज्ञान लिया है।
उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने पांचों राज्यों के मुख्य सचिवों को निर्देश दिया है कि वे ऐसे मामलों में प्राथमिकी दर्ज कराएं।
27 अप्रैल को चुनाव आयोग ने कोरोनावायरस संक्रमण के मद्देनजर भीड़ जमाकर जीत का जश्न बनाने और विजय जुलूस निकालने पर पाबंदी लगा दी थी।
पूरे देश में कोविड मामलों में उछाल के मद्देनजर, आयोग ने मतगणना की प्रक्रिया के दौरान और अधिक कड़े प्रावधान करने का निर्णय लिया है, जिसमें चेतावनी दी गई है कि 2 मई को मतगणना के बाद कोई विजय जुलूस नहीं होगा।
यह भी कहा गया कि जीतने वाले उम्मीदवार के साथ उस वक्त दो से अधिक व्यक्तियों को जाने की अनुमति नहीं होगी, जब वह अपने अधिकृत संबंधित निर्वाचन अधिकारी से चुनाव का प्रमाण पत्र प्राप्त करेंगे।
इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट ने कोविड के दिशानिदेशरें को लागू करने में विफल रहने पर चुनाव आयोग को कठघरे में खड़ा करते हुए कई सवाल किए थे। इसके बाद विजय जुलूसों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया था।