नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीसी चाको ने पार्टी से नाता तोड़ लिया है। उन्होंने अपना इस्तीफा पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया है।
केरल में 6 अप्रैल को होने जा रहे विधानसभा चुनाव से पहले चाको का इस्तीफा कांग्रेस पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। वह पिछले साल से ही पार्टी से असंतुष्ट चल रहे थे।
पीसी चाको पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में गिने जाते हैं और पूर्व मंत्री भी रह चुके हैं।
चाको राहुल गांधी को अध्यक्ष की कुर्सी पर देखना चाहते थे और कई बार उन्होंने खुलकर कहा कि राहुल गांधी की ओर से जिम्मेदारी नहीं संभाले जाने की वजह से पार्टी को नुकसान हो रहा है।
पूर्व पार्टी महासचिव पीसी चाको ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा एक ईमानदार कांग्रेस कार्यकर्ता के लिए सरवाइव करना बहुत मुश्किल हो गया है।
मेरिट कोई चिंता की बात नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस बिना पतवार की नाव है और एक साल से अधिक समय तक पार्टी अध्यक्ष नहीं मिल पाया। उन्होंने कहा, ‘मैं पिछले कई दिनों से इस फैसले पर विचार-विमर्श कर रहा था
मैं केरल से आता हूं जहां कांग्रेस पार्टी नाम की चीज नहीं है।
वहां दो पार्टियां हैं- कांग्रेस (आई) और कांग्रेस (ए)। दो पार्टियो की कॉर्डिनेशन कमिटी केपीसीसी के रूप में काम कर रही है। चाको ने केरल में कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेताओं रमेश छेन्नीथाला और ओमान चंडी पर भी निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि दोनों ही नेता हमेशा सीटें और संगठन के बाद आपस में बांट लेते हैं।
उन्होंने कहा कि केरल में केवल उन नेताओं का भविष्य है जो इनमें से किसी ग्रुप का हिस्सा हैं, अन्य को हमेशा दरकिनार कर दिया जाता है।
उन्होंने कहा केरल में एक अहम चुनाव है। लोग चाहते हैं कि कांग्रेस पार्टी वापस आए, लेकिन यहां पार्टी के बड़े नेताओं में खेमेबाजी है।
मैं हाई कमांड से कहता आ रहा हूं कि इस पर रोक लगनी चाहिए लेकिन आलाकमान भी इन समूहों के दिए प्रस्तावों से सहमत है।