रांची: रांची (Ranchi) के कई इलाकों में लोग हाथियों के खतरे रोज झेल रहे हैं। जबकि एक साल में झारखंड में करीब 20 लोगों की जान हाथी के कुचलने से हुई है।
सैकड़ों घरों को नुकसान पहुंचा है।हाथियों का झुंड रोज फसल रौंद रहा है, पर वन विभाग (Forest Department) के अनुसार हाथियों के हमले से बचाने की ठोस योजना बनाने में मुश्किलें आ रही हैं।
हाथी बार-बार रास्ता बदल ले रहे हैं।
वन विभाग को अलर्ट
इससे उनके विचरण (Variance) का स्थान चिह्नित करना संभव नहीं हो रहा। व्यवहार में बदलाव भी इसका बड़ा कारण बन रहा है।
रांची के DFO श्रीकांत वर्मा ने बताया कि खनन परियोजना, बालू घाटों के कटाव, उनके पथ पर आबादी (Population) बसना आदि कारणों से हाथी रास्ता बदल रहे हैं।
पहले उनका एक चिन्हित (Marked) पथ था, पर अब ऐसा नहीं है। कई बार लोगों के उकसाने से तबाही भी मचा देते हैं।
उन्होंने बताया कि अगर लोग वन विभाग को किसी माध्यम से जल्दी अलर्ट कर दें, तो वहां टीम भेजकर उन्हें गांव में घुसने से रोका जा सकता है।