चेन्नई: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में कोविड-19 महामारी के बाद पुनरुद्धार के लिए स्थिरता पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि पिछले साल के बजट की निरंतरता को कायम रखते हुए नया बजट पेश किया गया है।
सीतारमण ने सोमवार को यहां एक कार्यक्रम में विभिन्न उद्योगों एवं व्यापार संगठनों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि बजट में केंद्र सरकार ने कृषि जैसे क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी अपनाने वाले भविष्योन्मुख कदम उठाए हैं। इसके अलावा इंडिया@100 पहल के तहत चिकित्सा एवं शिक्षा क्षेत्रों में डिजिटल कार्यक्रम चलाने पर भी जोर दिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम पिछले बजट से एक तरह की निरंतरता का भाव इस बजट में रखना चाहते थे। पिछला बजट फॉर्मूला बनाने और सिद्धांतों के निर्धारण में काफी व्यापक था।
फिर महामारी से अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार के लिए स्थिरता देना और सबसे बढ़कर अनुकूल कर प्रणाली देना इस बजट के निर्देशक सिद्धांत थे।’’
वित्त मंत्री ने कहा कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और रेल मंत्रालय के संयोजन में एक बैठक आयोजित की जाएगी जिसमें दक्षिणी राज्यों में उत्पादित सीमेंट को उत्तरी राज्यों तक पहुंचाने के बारे में चर्चा की जाएगी।
उनका यह बयान उद्योगपति और इंडिया सीमेंट्स लिमिटेड के वाइस चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक एन श्रीनिवासन के एक सवाल के संदर्भ में आया।
श्रीनिवासन ने उनसे कहा कि भारत में 40 प्रतिशत चूना पत्थर दक्षिणी राज्यों में पाया जाता है, लिहाजा सीमेंट को उत्तरी राज्यों तक न पहुंचाए जाने पर सीमेंट की किल्लत हो सकती है।
इसके जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि इस मसले पर रेल मंत्रालय और सड़क परिवहन मंत्रालय के साथ एक चर्चा बैठक की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में जरूरी बिंदुओं का ब्योरा बैठक के पहले भेज दें।