Employment Crisis : दुनिया भर में इस वक्त कई बड़ी कंपनियों में छंटनी का दौर जारी है। Google समेत कई टेक दिग्गज कंपनियां इस साल की शुरुआत से ही कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही हैं। हाल ही में रॉयटर्स की एक रिपोर्ट आई है जिसमें अब कहा जा रहा है कि पार्सल डिलीवरी फर्म यूपीएस (United Parcel Service) 12 हजार कर्मचारियों को नौकरी से निकालने जा रहा है। ऐसा भी कहा जा रहा है कि कंपनी अपने ट्रक माल ढुलाई ब्रोकरेज बिजनेस कोयोटे (Coyote) के लिए भी जल्द ही कई फैसले ले सकती है।
इस कारण लिया फैसला
इस छंटनी पर Chief Executive कैरोल टोमे ने कहा कि 2023 कंपनी के लिए एक कठिन और निराशाजनक वर्ष रहा और कंपनी Artificial Intelligence में निवेश कर रही थी। साथ ही कंपनी स्टाफ को भी हफ्ते में पांच दिन ऑफिस बुला रही थी। हालांकि अब इस नौकरियों में कटौती के फैसले से लागत में लगभग 1 अरब डॉलर (£790 मिलियन) की कमी आने की उम्मीद है।
लेबर कॉस्ट का बढ़ रहा दबाव
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि टीमस्टर्स यूनियन के साथ नए कॉन्ट्रैक्ट के कारण भी उसकी लेबर कॉस्ट लगातार बढ़ रही थी। इसके अलावा कंपनी के मिनिमम आर्डर भी कम होते जा रहे हैं। ऐसा भी कहा जा रहा है कि पहली तिमाही में कंपनी का ऑपरेटिंग मार्जिन सबसे कम हो सकता है। लेबर प्रॉबलम के कारण फेडएक्स जैसी कंपनियां UPS के 60 परसेंट कारोबार को निगल गई है। हालांकि कुछ हद तक कंपनी इसे फिर से हासिल करने में कामयाब भी रही है।
शेयर्स भी आ रहे नीचे
कंपनी का Revenue उम्मीद से कम रहने का अनुमान लगाया था। इसके बाद से यूपीएस के शेयर्स में 6.3 परसेंट की बड़ी गिरावट देखने को मिली। वॉल्यूम, रेवेन्यू और ऑपरेटिंग प्रॉफिट में लगातार गिरावट के बाद कंपनी ने यह फैसला लिया है।