नई दिल्ली: एक रिपोर्ट के मुताबिक समस्याग्रस्त पोर्न का उपयोग उन लोगों में अधिक आम है जो न केवल अपने तनाव को कम करने के लिए, बल्कि नकारात्मक भावनाओं से बचने के लिए अपनी समस्याओं के बारे में भूलने और वास्तविक दुनिया से बचने के लिए भी पोर्नोग्राफी का उपयोग करते हैं।
इस रिसर्च के लिए एक नया निर्मित पैमाना शामिल किया गया है, जिसे पोर्नोग्राफी यूज मोटिवेशन स्केल कहा जाता है, जिसमें कई कारण शामिल हैं, जो इस तरह हैं- बोरियत से बचाव के लिए।
यानी लोगों ने माना कि वे पोर्न इसलिए देखते हैं ताकि वे बोर होने से बचें और समय बिता सकें।
भावनात्मक व्याकुलता या दमन इसे देखने का कारण है। कहा गया है कि कुछ लोग अपने बुरे मूड को बेहतर करने के लिए पोर्न देखते हैं।
कुछ का कहना था कि वे पोर्न इसलिए देखते हैं ताकि वे उन चीजों का हिस्सा बन सकें जिनका वे वास्तविक जीवन में अनुभव नहीं कर सकते। यौन संतुष्टि की कमी।
पोर्न देखने का एक अहम कारण सामने आया कि जिनका यौन जीवन संतोषजनक नहीं होता वे भी इसे देखने में रुचि लेते हैं।
वहीं कुछ के मुताबिक वे आत्म-अन्वेषण यानी -अपनी यौन इच्छाओं को बेहतर तरीके से जानने के लिए पोर्न देखते हैं। वहीं कुछ लोग यौन जिज्ञासा में कुछ नई चीजें सीखने के लिए पोर्न देखते हैं।
इसके अलावा कुछ लोग यौन सुख के लिए यानी हस्तमैथुन को आसान बनाने के लिए भी इसे देखते हैं।
वहीं इसे देखने से तनाव में कमी महसूस होती है। लोगों ने माना कि वे पोर्न देखते हैं, क्योंकि यह तनाव दूर करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है।
वहीं इसका दूसरा पैमाना वह है जिसमें प्रोब्लामेटिक पोर्नोंग्राफी कंसप्शन स्केल (पीपीसीएस) का पोर्नोग्राफ़ी के उपयोग का मूल्यांकन करने के लिए इस्तेमाल किया गया।
इसमें भी कई कारक शामिल थे- मनोदशा में बदलाव आया यानी पोर्न देखने से नकारात्मक भावनाओं से छुटकारा मिला।
रिलैप्स यानी इसमें जब पोर्न नहीं देखने का निश्चय किया गया तो इसे थोड़े समय के लिए ही किया जा सका। बता दें कि अक्सर पोर्न देखने के मामलों में लोगों की रुचि देखी गई है।
ऐसे में इन पर समय समय पर कई तरह की रिसर्च भी होती रही हैं। इसके अंतर्गत लोगों द्वारा पोर्नोग्राफी देखने के कारणों की जांच की गई है।