नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बीते दिनों दिल्ली सरकार को अधिकारियों की ट्रांसफर और पोस्टिंग (Transfer and Posting) का अधिकार दिया था। हालांकि केंद्र सरकार ने अपने एक ऑर्डिनेंस (Ordinance) के जरिए इस फैसले को पलट दिया।
केंद्र के फैसले के खिलाफ और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) के समर्थन में सबसे पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Nitish Kumar and Tejashwi Yadav) सामने आए हैं। इन दोनों नेताओं ने केजरीवाल को पूरा समर्थन देने का ऐलान करते हुए रविवार को दिल्ली में उनसे मुलाकात की।
नीतीश कुमार व तेजस्वी यादव ने अरविंद केजरीवाल का साथ देने का ऐलान किया
गौरतलब है कि ऑर्डिनेंस (Ordinance) को कानून में बदलने के लिए इसे लोकसभा और राज्यसभा की स्वीकृति जरूरी है। लोकसभा में भाजपा के पास स्पष्ट बहुमत है जबकि राज्यसभा में उसे अन्य दलों की आवश्यकता पड़ेगी।
अरविंद केजरीवाल भी यह बात जानते हैं और उन्होंने देशभर के सभी विपक्षी दलों से राज्यसभा में इस ऑर्डिनेंस का विरोध करने की अपील की।
राज्यसभा में नीतीश कुमार व तेजस्वी यादव (Nitish Kumar and Tejashwi Yadav) ने अरविंद केजरीवाल का साथ देने का ऐलान किया है। नीतीश कुमार ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला बहुत अच्छा था।
उसके बाद अब जो कुछ भी केंद्र सरकार करने की कोशिश कर रही है यह विचित्र बात है। नीतीश ने संविधान का हवाला देते हुए कहा कि जब कोई लोकतांत्रिक सरकार (Democratic Government) बनती है तो उसको मिलने वाले अधिकारों को आप कैसे हटा सकते हैं।
ज्यादा से ज्यादा विपक्षी पार्टियां एकजुट हो जाए : नीतीश
नीतीश ने सभी लोगों से इन फैसलों के खिलाफ इकट्ठा होने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार संविधान का इधर-उधर कर रही है, इसलिए हम लोग कह रहे हैं सारे देश में सब लोग एकजुट हों।
नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला हो गया, राज्य सरकार को जो काम करने का अधिकार दिया गया है, क्या अब उस अधिकार को रोक दिया जाएगा। नीतीश का कहना है कि इस मुद्दे पर हम लोग पूरी तरह से अरविंद केजरीवाल के साथ हैं।
साथ ही उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर ज्यादा से ज्यादा विपक्षी पार्टियां एकजुट हो जाए और मिलकर देश भर में अभियान चलाएं कि कानून का पालन होना चाहिए। आपस में लोगों के बीच में प्रेम और भाईचारे का भाव होना चाहिए। जिस प्रकार से विवाद पैदा करने का काम किया जा रहा है वह बंद होना चाहिए।
तेजस्वी ने कहा…
वहीं तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा कि गैर भाजपा शासित राज्यों की सरकारों को भाजपा लगातार तंग और परेशान कर रही है। जो परेशानी दिल्ली के मुख्यमंत्री झेल रहे हैं उस मुद्दे पर हम केजरीवाल को पूरा समर्थन देने आए हैं।
तेजस्वी ने कहा कि यह लोग संविधान को बदलना चाहते हैं और हम ऐसा नहीं होने देंगे। साथ ही तेजस्वी ने कहा कि पूरे विश्वास से कह सकता हूं कि बीजेपी कभी भी दिल्ली में वापसी नहीं करेगी।
केंद्र सरकार का यह अध्यादेश कोर्ट में पांच मिनट भी नहीं टिकेगा: मुख्यमंत्री
इससे पहले केजरीवाल ने कहा कि केंद्र सरकार ने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश को खत्म कर दिया। यह देश के लोकतंत्र, सुप्रीम कोर्ट और दिल्ली की दो करोड़ जनता के साथ भद्दा मजाक है।
मुख्यमंत्री का कहना है कि केंद्र सरकार का यह अध्यादेश कोर्ट में पांच मिनट भी नहीं टिकेगा। इसीलिए शुक्रवार को जैसे ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) छुट्टियों के लिए बंद हुआ, वैसे ही केंद्र ने अध्यादेश लाकर उसके फैसले को पलट दिया।
केजरीवाल के मुताबिक ये पहले दिन से ही अध्यादेश लाने की तैयारी में थे। इस वजह से पहले तीन दिन सर्विसेज सेक्रेटरी और फिर चीफ सेक्रेटरी (Services Secretary and then Chief Secretary) गायब हो गए। तीन दिन बाद सिविल सर्विस बोर्ड की बैठक (Civil Service Board Meeting) हुई तो दो दिन एलजी प्रस्ताव लेकर बैठ गए।
केजरीवाल ने कहा…
अब ये लड़ाई केंद्र बनाम सुप्रीम कोर्ट (Center Vs Supreme Court) बन गई है। साथ ही, भाजपा ने दिल्ली की जनता को तमाचा मारा है कि तुम चाहे जिसे चुन लो, हम उसे काम नहीं करने देंगे। हम इसके खिलाफ दिल्ली में महारैली करेंगे। राज्यसभा में इसे पास होने से रोकने के लिए मैं विपक्ष से समर्थन भी मांगूंगा।
केजरीवाल ने कहा कि इस अध्यादेश के आने के बाद पूरे देश से मेरे पास फोन आ रहे हैं। यहां तक कि भाजपा (BJP) के कट्टर समर्थन भी कह रहे हैं कि यह तो ठीक नहीं किया गया।