बेंगलुरु : कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने एक ठेकेदार की आत्महत्या के मामले में कहा है कि पुलिस से पूरी रिपोर्ट मिलने के बाद ही ग्रामीण विकास और पंचायत राज (आरडीपीआर) मंत्री के.एस. ईश्वरप्पा के इस्तीफे पर फैसला किया जाएगा, जो कि मंत्री के लिए बड़ी राहत की बात है।
बोम्मई ने कहा, प्रारंभिक जांच रिपोर्ट मिलने के बाद ही ईश्वरप्पा से इस्तीफा मांगने पर फैसला किया जाएगा।
मंत्री ईश्वरप्पा को बर्खास्त करने और गिरफ्तारी की मांग को लेकर कांग्रेस ने राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया हुआ है।
पत्रकारों से बात करते हुए बोम्मई ने कहा कि बुधवार को ठेकेदार का पोस्टमार्टम किया गया। मामले की पूरी जांच की जाएगी और सच्चाई सामने आएगी।
पार्टी आलाकमान ने इस मुद्दे के बारे में सारी जानकारी ले ली है। हालांकि, इस मुद्दे पर आलाकमान की कोई और भूमिका नहीं होगी। वे इस पर हस्तक्षेप नहीं करेंगे। मैं इस मामले की जांच पर नजर रखूंगा।
बेलगावी जिले के बड़ासा गांव में उस समय जमकर ड्रामा हुआ
बोम्मई ने कहा कि वह कांग्रेस पार्टी के आरोपों का जवाब नहीं देंगे जो निराधार आरोप लगा रही है। उन्होंने ठेकेदार संघ को चुनौती दी, जिसने गंभीर आरोप लगाए हैं कि भाजपा के नेता सभी सरकारी अनुबंधों में 40 प्रतिशत कमीशन मांगते हैं।
बोम्मई ने कहा, सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान भ्रष्टाचार और घोटालों के आरोप लगे थे। बेंगलुरु विकास प्राधिकरण (बीडीए) और अर्कावती डीनोटिफिकेशन स्कैंडल से संबंधित एक घोटाला था। कांग्रेस को अपने कुशासन के कारण चुनाव हारना पड़ा था।
इस बीच, बेलगावी जिले के बड़ासा गांव में उस समय जमकर ड्रामा हुआ, जब गुरुवार को ठेकेदार संतोष के. पाटिल का अंतिम संस्कार किया जा रहा था।
अंतिम संस्कार में कांग्रेस विधायक लक्ष्मी हेब्बलकर और एमएलसी चन्नाराज शामिल हुए। ग्रामीणों व परिजनों ने मांग की कि भाजपा नेता भी मौके पर आएं। उन्होंने भाजपा नेताओं के आने पर जोर देते हुए शव को दफनाने में देरी की। हालांकि बाद में शव को दफना दिया गया।