नीतीश के NDA में जाने के बाद भी महा गठबंधन में सीट बंटवारे पर खींचतान, अब…

Central Desk

Tussle Over Seat Sharing in RJD : बिहार (Bihar) में जनता दल यूनाइटेड के NDA में शामिल होने के बाद भी महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर खींचतान जारी है। RJD की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं है। अब लेफ्ट पार्टियां आंखे दिखा रही हैं।

Congress के बाद अब लेफ्ट पार्टी CPI माले ने लालू और तेजस्वी यादव की पार्टी RJD पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। CPI माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि Nitish Kumar की पार्टी JDU के महागठबंधन से बाहर निकलने के बाद माले निश्चित रूप से आगामी चुनाव में बड़ी हिस्सेदारी मांगेगी।

उन्होंने कहा कि एक-दो दिनों के भीतर RJD समेत महागठबंधन के नेताओं से इस मामले पर चर्चा की जाएगी।

इससे पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी यही बात कही थी।

बता दें कि बिहार में राज्यसभा की 6 सीटों पर इस महीने होने वाले चुनाव के लिए महागठबंधन की ओर से तीन उम्मीदवार उतारे गए। RJD से मनोज झा और संजय यादव को राज्यसभा भेजा जा रहा है। वहीं, एक अन्य सीट पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने नामांकन किया है। इस सीट पर माले ने भी अपना दावा किया था।

CPI माले ने इससे पहले बिहार की 40 में से पांच लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग की थी। अब दीपांकर भट्टाचार्य RJD से पांच से ज्यादा सीटों पर अपना दावा पेश करेंगे। हाल ही में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी कहा था कि उनकी पार्टी बिहार में 10 से ज्यादा सीटों पर अपना दावा पेश करेगी।

नीतीश कुमार की वजह से महागठबंधन में सीटों का बंटवारा नहीं हो पा रहा था। अब जेडीयू गठबंधन से निकल गई है तो इसमें आसानी होगी। CPI माले के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने बुधवार को पटना में मीडिया से बातचीत में कहा कि बिहार विधानसभा में उनकी पार्टी के 12 विधायक हैं। माले ने गठबंधन के लिए बलिदान दिया है।

उन्होंने राज्यसभा चुनाव में माले को एक सीट नहीं मिलने पर निराशा जताई। दीपांकर ने कहा कि राज्यसभा की सीट पर उनकी पार्टी का दावा वैध था। हालांकि, कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद महागठबंधन में हित में उन्होंने यह छोड़ दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्यसभा चुनाव की रेस में उनका नाम नहीं था, उन्होंने ऐसी खबरों को आधारहीन बताया।