नई दिल्ली: कांग्रेस ने मंगलवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अगुवाई वाली सरकार में हर घंटे कम से कम एक किसान आत्महत्या (Suicide) करने को मजबूर है और यह सरकार की विफलता के चलते हो रहा है।
पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यह भी कहा कि सरकार तीनों ‘काले’ कृषि कानूनों (Agricultural laws) को पिछले दरवाज़े से लागू करना चाहती है और इसी कारण अनाज की खरीद की व्यवस्था निजी क्षेत्र को सौंपी जा रही है।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘गत 17 सितम्बर को महाराष्ट्र के पुणे में एक किसान दशरथ लक्ष्मण केदारी ने प्रधानमंत्री मोदी को जिम्मेदार ठहराते हुए आत्महत्या कर ली। उन्होंने अपने सुसाइड नोट (Suicide note) में साफ़ तौर पर मोदी जी और सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराया है।”
सुप्रिया ने कहा…
उन्होंने दावा किया, ‘सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2021 में कृषि क्षेत्र से जुड़े कुल 10,881 लोगों ने आत्महत्या की जो देश में कुल आत्महत्या (1,64,033) का 6.6 प्रतिशत है। हर रोज़ 30 किसान आत्महत्या (Farmer suicide) करने को मजबूर हैं – मतलब हर घंटे एक से ज़्यादा आत्महत्या हो रही है।’
Supriya ने कहा कि NCRB के आंकड़ों के मुताबिक, 2014 से लेकर 2021 तक भारत में 53,881 से ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है जिसका मतलब यह है कि 21 किसान रोज़ हताश और निराश हो कर अपनी जान देने पर मजबूर हैं।
उन्होंने आरोप लगाया, ‘यह मोदी सरकार की विफलता का नतीजा है और किसानों (Farmers) की इस दयनीय स्थिति के बावजूद मोदी जी तमाशे में और अपने झूठे महिमा मंडन में व्यस्त हैं।’