Covid Omicron : कोरोना संक्रमण (Corona Infection) की रफ्तार वैश्विक स्तर पर लगभग काफी नियंत्रित हो गया है। पहले की तुलना में डेली रिपोर्ट में संक्रमितों की संख्या काफी कम आ रही है, और लोगों की मौतें (Death) भी कम हो रही है।
इसी रिपोर्ट को देखते हुए पिछले महीने WHO ने कोरोना महामारी को ‘हेल्थ इमरजेंसी’ (Health Emergency) की सूची से बाहर कर दिया। हालांकि कुछ विशेषज्ञों ने इस पर चिंता भी जाहिर की।
विशेषज्ञों का कहना है यह फैसला जल्दबाजी में लिया गया है। क्योंकि वैश्विक स्तर पर अब भी बड़ी संख्या में लोगों का मौत हो रही है। इसके अलावा लॉन्ग कोविड (Long Covid) से भी बड़ी संख्या में अब लोग परेशान हैं, जिनको विशेष इलाज और देखभाल की आवश्यकता है, पर प्रतिबंधों के हटने के बाद काफी दिक्कतें आ गई हैं।
‘हेल्थ इमरजेंसी’ की सूची से बाहर करने पर विशेषज्ञों ने जताई चिंता
लॉन्ग कोविड, महामारी की शुरुआत से ही स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए बड़ी चिंता रही है। गंभीर रोग के शिकार रहे लोगों में इसका जोखिम अधिक देखा जा रहा है।
चूंकि ओमिक्रॉन वैरिएंट्स (Omicron Variants) को हल्के लक्षणों वाला माना जाता रहा है, ऐसे में इससे संक्रमितों में पोस्ट कोविड सिंड्रोम का कैसा जोखिम देखा जा रहा है, आइए जानते हैं अध्ययनों में क्या पता चला है?
शोधकर्ताओं ने किया बड़ा खुलासा
ओमिक्रॉन सब-वैरिएंट्स (Omicron Sub-Variants) के शिकार रहे लोगों में पोस्ट कोविड समस्याओं (Post Covid Problems) का कितना खतरा है? इसे जानने के लिए किए गए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने बड़ा खुलासा किया है।
The Journal Of The अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन में प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक भले ही Omicron , हल्के लक्षणों वाला वैरिएंट रहा हो पर इससे संक्रमित लगभग 10 प्रतिशत लोगों ने Long Covid की सूचना दी है। हालांकि ये कोरोनावायरस के पहले के स्ट्रेनों से संक्रमित लोगों में पोस्ट कोविड के अनुमानित प्रतिशत से कम है।
अध्ययन में लॉन्ग कोविड की समस्याओं की मिली जानकारी
शोधकर्ताओं ने महामारी के अलग-अलग समय में COVID-19 से संक्रमित 8,646 वयस्कों और करीब 1,118 ऐसे लोगों के डेटा का अध्ययन किया जो संक्रमित नहीं थे।
इसमें पाया गया कि Omicron के शुरुआती समय दिसंबर 2021 से जून के बीच में संक्रमित रहे 2,231 रोगियों में से करीब 10ः ने छह महीने के बाद तक दीर्घकालिक लक्षणों या Long Covid की समस्याओं का अनुभव किया।
वैज्ञानिकों का कहना है कि जिन लोगों को ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) आने से पहले टीका नहीं लगाया गया था उनमें संक्रमण के दौरान गंभीर मामले और Long Covid होने की आशंका अधिक थी।