नई दिल्ली: कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामलों में इस साल देश में सबसे बड़ी बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। इस बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि कोरोना संक्रमण के मामले में देश भर में महाराष्ट्र नंबर वन पर है औ दूसरे नंबर पर पंजाब राज्य है।
कोरोना के नए मामलों का 83.14 फीसद महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, कर्नाटक, गुजरात और मध्य प्रदेश से जुड़ा है।
महाराष्ट्र (27,126) में सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं और इसके बाद पंजाब का नंबर है, जहां 2,578 मामले सामने आए हैं। इसके बाद केरल 2,078 केस मिले हैं।
कर्नाटक, गुजरात और मध्य प्रदेश में क्रमशः 1,798, 1,565 और 1,308 मामले दर्ज किए हैं।
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 43,846 मामले दर्ज किए गए हैं, जो इस साल का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
देश में अब तक 1 करोड़, 15 लाख 99 हजार 130 से ज्यादा लोग संक्रमण के शिकार हुए हैं।
पिछले 24 घंटों में 197 लोगों की वायरस संक्रमण के चलते मौत हुई है। मंत्रालय ने कहा कि संक्रमण के चलते मौत के शिकार लोगों में 86.8 फीसद लोग 6 राज्यों के हैं।
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 92 लोगों की कोरोना वायरस से पिछले 24 घंटे में मौत हुई है।
इसके बाद पंजाब में 38 लोग संक्रमण के शिकार हुए हैं। केरल में 15 लोग वायरस संक्रमण के चलते मौत के शिकार हुए हैं।
दिल्ली में शनिवार को पहली बार 800 से ज्यादा कोरोना के मामले सामने आए हैं, राजधानी में 2 लोगों की कोरोना वायरस के चलते मौत हुई है।
दिल्ली में एक्टिव मामलों की संख्या 3,409 हो गई है, जोकि एक दिन पहले 3,165 थी। दूसरी ओर दिल्ली में संक्रमण की दर पिछले दो महीनों में 1 फीसद को पार कर गई है।
मंत्रालय के मुताबिक महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पंजाब, मध्य प्रदेश, दिल्ली, कर्नाटक, गुजरात और हरियाणा में संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
भारत में कोरोना वायरस के एक्टिव मामलों की बात करें तो ये 3.09 लाख है, जोकि संक्रमण के कुल मामलों का 2.66 फीसद है। पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना के एक्टिव मामलों में 20,693 मामलों का इजाफा हुआ है।
विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस संक्रमण बढ़ने की असल वजह ये है कि लोगों को लगता है कि महामारी खत्म हो गई है और वे कोरोना वायरस गाइडलाइंस का पालन नहीं कर रहे हैं।
एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि संक्रमण बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन मुख्य कारण लोगों का व्यवहार है, क्योंकि उन्हें लगता है कि कोरोना वायरस खत्म हो गया।
लोगों को गैर जरूरी यात्राओं को अभी कुछ दिन के लिए टाल देना चाहिए।
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉक्टर वीके पॉल ने कहा कि संक्रमण से बचने के लिए ये बहुत महत्वपूर्ण है कि कोरोना गाइडलाइंस का पालन किया जाए।
कंटेनमेंट स्ट्रैटजी को स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर के हिसाब से तैयार किया जाए और टीकाकरण को महामारी के खिलाफ हथियार के रूप में लिया जाए।
उन्होंने कहा कि जिन जिलों वायरस संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, वहां टीकाकरण को प्राथमिकता देते हुए तेजी से अभियान चलाना चाहिए।
आधिकारिक बयान के मुताबिक कई राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में कोरोना वायरस के प्रतिदिन के मामले लगातार बढ़ रहे हैं।
बढ़ते एक्टिव केस की संख्या को देखते हुए केंद्र सरकार ने प्रभावित जिलों को टेस्टिंग बढ़ाने को कहा है और 70 फीसदी से ज्यादा आरटी-पीसीआर टेस्ट करने को कहा है, खासतौर पर उन जिलों में जो वायरस टेस्टिंग के लिए एंटीजन टेस्ट पर निर्भर हैं, साथ ही सरकार की टेस्टिंग और ट्रेसिंग गाइडलाइन को फॉलो करते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान के मुताबिक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इंसाकोग कंसोर्टियम के तहत 10 राष्ट्रीय लैब से जोड़ा गया है। इसके लिए नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल नोडल संस्था है।
सभी राज्यों को सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ रोकने और कोरोना वायरस गाइडलाइंस का पालन करवाने का निर्देश दिया गया है, साथ ही टीकाकरण अभियान को भी बढ़ाने को कहा गया है।
केंद्र सरकार ने कहा है कि संक्रमण से जुड़े हर केस में कम से कम 20 लोगों की टेस्टिंग और ट्रेसिंग की जाए और उन्हें आइसोलेट कर क्लिनिकल प्रोटोकॉल के तौर पर जल्द से जल्द इलाज उपलब्ध कराया जाए।
बयान के मुताबिक जिन जिलों में बड़ी संख्या में मामले आ रहे हैं, वहां सर्विलांस और कंटेनमेंट जोन में कड़ाई बरतने पर फोकस करने को कहा गया है।