न्यूज़ अरोमा रांची: सरना आदिवासी धर्म कोड बिल झारखंड विधानसभा से पारित होने की खुशी में केंद्रीय सरना समिति और अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के सदस्यों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशी का इजहार किया।
बुधवार को नया टोली बरियातू सामुदायिक भवन में यह कार्यक्रम हुई। मौके पर केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष फूलचंद तिर्की ने कहा कि सरना आदिवासी धर्म कोड विधानसभा से पास कर केंद्र भेजना आदिवासियों के लिए हर्ष का विषय है।
सरना आदिवासी कोड पास होने पर आदिवासी समाज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित पूरे कैबिनेट का आभार व्यक्त करती है। खासकर पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा का आभार व्यक्त करते हैं कि उन्होंने सरना/आदिवासी कोड का प्रस्ताव पर आपत्ति जताते हुए सरना आदिवासी का प्रस्ताव दिया था।
इसपर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी सहमति दी और स्पीकर से अनुरोध किया तथा सरना आदिवासी कोड सदन से पास हुआ। महासचिव सत्यनारायण लकड़ा ने कहा कि स्वर्गीय कार्तिक उरांव का सपना पूरा होता नजर आ रहा है।
अभी ज्यादा खुशियां मनाने की जरूरत नहीं। अभी दिल्ली दूर है , जिस तरह झारखंड में आंदोलन कर सरना कोड लागू करने को झारखंड सरकार को बाध्य होना पड़ा। उसी तरह केंद्र सरकार को भी सरना कोड लागू करने को बाध्य किया जाएगा।
इसको लेकर केंद्रीय सरना समिति अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद और आदिवासी सेंगेल अभियान 6 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी रेलरोड चक्का जाम किया जाएगा।
मौके पर केंद्रीय सरना समिति के संरक्षक भुनेश्वर लोहरा, महासचिव संजय तिर्की, रांची महानगर अध्यक्ष विनया उंराव, सोनी हेमरोम, गीता तिर्की, गुड्डी लकड़ा सहित अन्य शामिल थे।