साहिबगंज: जिले में कार्यरत 25 प्रतिशत सहायक अध्यापकों (Para Teachers ) के शैक्षणिक प्रमाण पत्रों की जांच अभी तक पूरी नहीं हो सकी है।
सभी पारा शिक्षकों को प्रमाण पत्र (Certificate) जांच के लिए 15 दिसंबर तक का समय दिया गया था। लेकिन लक्ष्य पूरा नहीं होने पर अब इसे बढ़ाकर 30 दिसंबर तक कर दिया गया है।
विभाग का कहना है कि जिला शिक्षा विभाग (Education Department) से संबंधित विश्वविद्यालय, शिक्षण संस्थानों आदि को प्रमाण पत्र जांच के लिए भेज दिया गया है।
अन्य के प्रमाण पत्रों की चल रही जांच
जिला में कुल 2018 सहायक अध्यापक में से लगभग सभी ने प्रमाण पत्र आदि जांच कराने को लेकर जमा करा दिया है। अभी तक सिर्फ1490 अध्यापकों के प्रमाण पत्र जांच होकर आए हैं।
संबंधित शिक्षण संस्थानों से रिमाइंडर भेज कर भी रिपोर्ट मांगी गई है। नया नियमावली बनने के बाद इनका मानदेय उनकी शैक्षणिक योग्यता के अनुसार बढ़ेगा।
इसके लिए उन्हें आकलन परीक्षा देनी होगी। आकलन परीक्षा (Assessment TEST ) में वही शामिल होंगे जिनके प्रमाण पत्रों की जांच हो सकेगी।
अब तक 11 अध्यापकों के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए
सहायक अध्यापकों के प्रमाण पत्रों की जांच में अब तक 11 सहायक अध्यापकों (पारा शिक्षक) के प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए हैं।
सितम्बर में पहली बार पांच अध्यापकों के प्रमाण पत्र फर्जी होने पर रिपोर्ट शिक्षा परियोजना परिषद को भेजी गई थी। इसके बाद फिर फिर छह सहायक अध्यापकों का प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया है।
वहीं, झारखंड शिक्षा परियोजना साहिबगंज के एडीपीओ आशीष कुमार ने बताया कि सभी सहायक अध्यापकों के शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों को जांच के लिए भेज दिया गया है।
संबंधित शिक्षण संस्थानों को लगातार रिमाइंडर भेजा जा रहा है। बता दें कि अध्यापकों (Teachers) के प्रमाण पत्रों को अनिवार्य रूप से जांच कराना है।