नई दिल्ली : फेसबुक ने अपने एक ब्लॉग पोस्ट में बताया कि उसने राजनीतिक विज्ञापनों पर लगे बैन को टेम्पोररली हटा दिया है। फेसबुक के अनुसार, उसके सिस्टम राजनीतिक चुनावी या सोशल विज्ञापनों के बीच में कोई अंतर नहीं देखता।
साथ में कंपनी ने ये भी कहा है कि आने वाले दिनों में कंपनी बदलाव के लिए अपने एड सिस्टम कि समीक्षा करेगी। गूगल ने भी पिछले वीक राजनीतिक और चुनावी विज्ञापनों से बैन को हटा दिया था।
ज्ञात हो कि यूनाइटेड स्टेट में हुए 3 नवंबर के इलेक्शन को लेकर फैले मिसइन्फोर्मशन और दुरूपयोग के बाद कंपनी ने राजनीतिक और चुनावी विज्ञापनों पर बैन लगा दिया था।
फेसबुक ने जनवरी में जॉर्जिया में हुए चुनाव के बाद बाद अपने विज्ञापन बैन को हटा दिया था, लेकिन बाद में फिर से इसे लागु कर दिया गया था।
इसी तरह गूगल ने भी दिसंबर में इस बैन को हटा दिया था लेकिन 6 जनवरी के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थकों की घेराबंदी के बाद फिर से इसे लागु कर दिया था। गूगल ने भी पिछले हफ्ते इस बैन को हटा दिया था।
डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन डिजिटल कैंपेन के अधिकारियो के अनुसार ये बैन काफी व्यापक थे और मिसइन्फोर्मशन को रोकने में पूरी तरह नाकाम रहे।
इससे पहले डेमोक्रेटिक कांग्रेस कैंपेन कमेटी और डेमोक्रेटिक सेनेटोरियल कैंपेन कमेटी ने एक बयान जारी कर फेसबुक को प्रतिबंध खत्म करने की स्पष्ट तारीख नहीं लेने के लिए आलोचना करते हुए कहा था कि इस बैन ने उनके कैंपेन और पार्टी के लिए मतदाताओं तक पहुंचने में काफी मुश्किलें पैदा किया।
वोटर्स तक अपनी बात पहुंचाने में परेशानी हो रही है।
डेमोक्रेटिक कांग्रेशनल कैंपेन समिति और डेमोक्रेटिक सेनटोरिअल कैंपेन समिति ने फेसबुक की निंदा की और कहा की फेसबुक ने इन बैन को वापस लेने की कोई तारीख निर्धारित नहीं की है जिस से उनको अपनी राजनीतिक पार्टीज के अभियान और वोटर्स तक अपनी बात पहुंचाने में परेशानी हो रही है।
फेसबुक ने अपने ब्लॉग पोस्ट में बताया है कि फेसबुक का सिस्टम राजनीतिक, चुनावी विज्ञापनों और “सामाजिक मुद्दे” वाले विज्ञापनों के बीच अंतर नहीं करता है, आने वाले महीनों में दिखेगा कि इसके विज्ञापनों में और क्या बदलाव किया जा सकता है।