नई दिल्ली: केन्द्र के साथ बातचीत करने के लिए विज्ञान भवन जाने के लिए शनिवार को सिंघु बॉर्डर पर बसों में सवार होते समय किसान नेताओं ने कहा कि यह बातचीत का अंतिम दौर होगा। साथ ही चेतावनी दी कि कोई नतीजा न निकलने की सूरत में वे अपने आंदोलन को और तेज करेंगे।
कई केंद्रीय मंत्रियों के साथ 35 संगठनों के किसान नेताओं के बीच दोपहर 2 बजे बैठक निर्धारित है। बैठक से पहले किसान नेताओं ने स्पष्ट रूप से कहा कि कृषि कानूनों के लिए कोई और बातचीत या संशोधन स्वीकार्य नहीं होगा और यदि बातचीत का अंतिम दौर भी बेनतीजा रहा, तो उनका आंदोलन गति पकड़ेगा, साथ ही और बड़ा रूप लेगा।
किसान एकता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष बूटा सिंह ने आईएएनएस से कहा, हमने पहले सरकार से कहा था कि इन कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए और आंदोलन खत्म हो जाएगा। हम किसी भी संशोधन से खुश नहीं होंगे। हम अपने रुख पर बहुत स्पष्ट हैं कि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए।
प्रतिनिधिमंडल के एक अन्य सदस्य दलजीत सिंह ने कहा कि जब भी वे केंद्र के साथ बैठकों के लिए जाते हैं, तो उन्हें उम्मीद रहती कि उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा।
उन्होंने कहा, लेकिन सरकार इसके लिए तैयार नहीं है। यदि आज की बैठक भी बेनतीजा रही, तो आंदोलन को और अधिक तेज किया जाएगा और हम भारत बंद का भी आह्वान करेंगे।
3 कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली-हरियाणा के सिंघू सीमा पर लगातार 10 वें दिन भी किसानों का प्रदर्शन जारी है।