चंडीगढ़: केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु और टीकरी बार्डर पर धरना दे रहे किसानों के लिए सरकार धरना स्थल पर बिजली, पानी और सफाई सहित तमाम इंतजाम करने में जुटी है।
बढ़ती ठंड को देखते हुए किसानों को बीमारी से बचाने तथा कोरोना संक्रमण से निपटने के लिए चिकित्सकों की टीम उतार गई है।
तीन कृषि खिलाफ के लामबंद किसानों की संख्या सिघु और टीकरी बॉर्डर पर हर रोज बढ़ रही है। सोनीपत के नजदीक सिंघु बॉर्डर पर किसानों का बहुत ज्यादा जामवड़ा है।
लिहाजा किसानों की संख्या को देखते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने झज्जर और सोनीपत के उपायुक्तों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आंदोलनकारी किसानों के लिए पूरे इंतजाम किए जाएं ताकि उन्हें किसी तरह की कोई परेशानी में हो।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग, जन स्वास्थ्य विभाग, शहरी निकायों के कर्मचारियों और अफसरों के साथ ही दमकल विभाग के कर्मचारियों और रेड क्रॉस के वालंटियर्स की ड्यूटी लगाई गई है। बहादुरगढ़ में जहां 330 सरकारी मुलाजिम बिजली, पानी, स्वास्थ्य और सफाई व्यवस्था सहित अन्य इंतजाम करने में जुटे हैं, वहीं कुंडली बार्डर पर 346 अफसर और कर्मचारी मोर्चा संभाले हुए हैं।
सोनीपत में दस डॉक्टर, दस एएनएम, दस आयुष डॉक्टर, दस रेड क्रॉस वालंटियर, दस मलेरिया वर्कर, 11 एंबुलेंस लगाने के साथ ही कोरोना की जांच के लिए पांच स्थानों पर सैंपल की व्यवस्था की है।
इसके अलावा जन स्वास्थ्य विभाग ने पानी की सप्लाई के लिए 22 वाटर टैंकर लगाए हैं जबकि सोनीपत नगर निगम ने भी 20 पानी के टैंकर, कूड़ा उठाने के लिए दस ट्रक, 90 सफाई कर्मचारियों सहित अन्य स्टाफ लगाया है।
इसी तरह 20 दमकल गाड़ियों और छह दमकल मोटरसाइकिल की तैनाती की गई है। बहादुरगढ़ में छह स्वास्थ्य पोस्ट बनाते हुए आठ डॉक्टरों और 18 मेडिकल टेक्नीशियन की नियुक्ति की गई है।
जन स्वास्थ्य विभाग ने तीन कार्यकारी अभियंता, आठ एसडीओ और 16 जेई के साथ 35 अन्य कर्मचारी भी मैदान में उतारे हैं।
धरना स्थलों पर लगाए जाएंगे मेडिकल हेल्प कैंप
प्रदेश के गृह एवं स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए हैं, जहां किसान धरना दे रहे हैं, वहां सभी जगहों पर मेडिकल हेल्थ कैंप लगाए जाएं। धरना स्थलों पर चिकित्सकों की टीम, एंबुलेंस तथा तमाम अन्य स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी।