पटना: दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में मंगलवार को अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले बिहार के विभिन्न जिलों से एकत्रित होकर किसान राजभवन मार्च करेंगें और राज्यपाल को ज्ञापन सौंपेंगे।
अखिल भारतीय किसान महासभा के बिहार प्रदेश सचिव रामाधार सिंह ने सोमवार को बताया कि, किसान महासभा के साथ-साथ अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के सभी सदस्य संगठनों ने मंगलवार के राजभवन मार्च में अपनी पूरी शक्ति लगा दी है।
उन्होंने कहा कि राजभवन मार्च में बटाईदार किसानों का भी बड़ा हिस्सा शामिल होगा।
उन्होंने दावा किया कि पूर्णिया, अररिया, सीमांचल के अन्य जिलों, चंपारण, सीवान, गोपालगंज सहित कई जिलों के किसान सोमवार को ही पटना की ओर निकल चुके हैं।
उन्होंने कहा कि, मार्च में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बिहार, झारखंड के प्रभारी और पूर्व विधायक राजाराम सिंह, पंजाब के किसान आंदोलन के नेता जगमोहन सिंह, बिहार राज्य किसान सभा के महासचिव अशोक कुमार सिंह, ललन चौधरी सहित कई नेता भाग लेंगे।
उन्होंने कहा कि पटना के गांधी मैदान के गेट नंबर 10 से दोपहर 12 बजे राजभवन मार्च प्रारंभ होगा।
किसान नेताओं ने कहा कि, भगत सिंह का पंजाब और स्वामी सहजानंद की किसान आंदोलन की धरती बिहार में किसानों की एकता कायम होने लगी है, इससे भाजपाई बेहद डरे हुए हैं।
आजादी के बाद भी बिहार मजबूत किसान आंदोलनों की गवाह रहा है।
नेताओं ने कहा, 70-80 के दशक में भोजपुर और तत्कालीन मध्य बिहार के किसान आंदोलन ने इतिहास में एक नई मिसाल कायम की है।
अब एक बार नए सिरे से बिहार के छोटे-मंझोले-बटाईदार समेत सभी किसान आंदोलित हैं।
29 दिसंबर के राजभवन मार्च से भाजपा के इस झूठ का पूरी तरह पर्दाफाश हो जाएगा कि बिहार के किसानों में इन तीन काले कानूनों में किसी भी प्रकार का गुस्सा है ही नहीं।