कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गीत गाते हुए मनाया ‘पगड़ी संभाल दिवस’

News Aroma Media
2 Min Read

नई दिल्ली: दिल्ली की सीमाओं पर केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के विरोध में करीब तीन महीनों से बैठे किसानों ने मंगलवार को पारंपरिक पगड़ी बांधी, किसान आंदोलन के गीत गाते हुए ‘पगड़ी संभाल दिवस’ मनाया।

संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आयोजित यह एक दिन का कार्यक्रम 1906 की ‘पगड़ी संभाल लहर’ से प्रेरित था।

मोर्चा ने एक बयान में कहा उस वक्त भी तत्कालीन सरकार ने तीन किसान विरोधी कानून बनाए थे जिसके खिलाफ -किसान आंदोलन शुरू हुआ और वह सफल रहा।

किसानों की एकता साबित करती है कि यह आंदोलन भी सफल होगा।

किसान नेताओं ने कहा कि कभी किसानों की शान हुआ करती थी पगड़ी, लेकिन सरकार ने किसानों को उसी पगड़ी को फांसी का फंदा बनाने पर मजबूर कर दिया है।

- Advertisement -
sikkim-ad

उन्होंने कहा कि आज का दिन ‘आत्मसम्मान का दिन था।

सिंघू बॉर्डर पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया जिसमें क्रांतिकारी भगत सिंह के भांजे अभय संधू सहित अन्य परिजनों ने हिस्सा लिया।

किसानों को संबोधित करते हुए संधू ने कहा कि अगर सरकार 23 मार्च (भगत सिंह की पुण्यतिथि) तक किसानों की मांगें नहीं मानती है, तो वह आमरण अनशन करेंगे।

किसानों ने राष्ट्रवादी और किसान नेता स्वामी सहजानंद सरस्वती की जन्मतिथि मनाते हुए राष्ट्रनिर्माण और जनांदोलनों में उनकी भूमिका याद की।

टीकरी बॉर्डर पर बड़ी संख्या में किसान प्रदर्शन में हिस्सा लेने पहुंचे हैं, इनमें कर्नाटक और तेलंगाना से आए किसानों की संख्या ज्यादा है।

मोर्चा ने कहा, ‘सरकार इस आंदोलन को क्षेत्र विशेष का बताकर इसे बार-बार खारिज करती है, लेकिन यह आंदोलन देश के सभी हिस्से के किसानों का है।’

महाराष्ट्र के नन्दुरबार और हरियाणा के भिवानी में भी ‘पगड़ी संभाल दिवस’ का आयोजन किया गया।

Share This Article