नई दिल्ली: आईटीओ पर बवाल के बीच कई किसान लाल किले पर पहुंच गए हैं। करीब दो दर्जन ट्रैक्टर में सवार सैकड़ों किसान लाल किला परिसर में पहुंचकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
आईटीओ पर बवाल के दौरान पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागकर लाल किले की ओर खदेड़ दिया।
आईटीओ पर पुलिस और किसानों के बीच अभी भी टकराव जारी है।
पुलिस ने किसानों को काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने के साथ ही कई जगह पर लाठीचार्ज भी किया है।
अक्षरधाम के बाद सबसे ज्यादा उपद्रव किसानों ने आईटीओ पर किया।
यहां उग्र किसानों ने करीब 10 से ज्यादा बसों में तोड़फोड़, इसके साथ ही पुलिस वाहनों को भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त किया।
किसानों ने नहीं किया शर्तों का पालन
दिल्ली पुलिस की तरफ से ट्रैक्टर रैली के लिए किसान संगठनों को तीन रूट दिए गए थे।
ट्रैक्टर रैली निकालने के लिए 37 शर्तें भी दिल्ली पुलिस की तरफ से लगाई गई थी लेकिन इनमें से किसी भी शर्त का पालन किसानों द्वारा नहीं किया गया।
दिल्ली पुलिस की तरफ से जहां कहा गया था कि दोपहर 12 बजे के बाद किसान रैली निकाली जाएगी तो वहीं सुबह 8 बजे से ही यह रैली निकाल दी गई।
जगह-जगह पुलिस द्वारा उन्हें रोकने की कोशिश की गई और ऐसे में किसानों ने ट्रैक्टर से बैरिकेड तोड़कर दिल्ली की सीमा में प्रवेश किया।
सिंघु बॉर्डर से किसान मुकरबा चौक की तरफ पहुंच गए हैं और यहां पर पुलिस कर्मियों के साथ झड़प शुरू कर दी।
पुलिस ने भांजी लाठियां, चले आंसू गैस के गोले
किसानों की तरफ से जहां बैरिकेड तोड़े गए हैं तो वहीं दिल्ली पुलिस की तरफ से उन्हें काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए।
पुलिस अधिकारी लगातार किसानों की भीड़ को संभालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उनकी बड़ी संख्या के सामने पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।
अक्षरधाम बॉर्डर के पास भी किसानों ने पुलिस पर न केवल लाठी चलाए बल्कि यहां पर एक किसान पुलिसकर्मियों पर तलवार लेकर भागता भी दिखाई दिया।
कई जगहों पर गाड़ियों में किसानों द्वारा तोड़फोड़ की गई है।
अक्षरधाम मंदिर के पास भी दिल्ली पुलिस की तरफ से बल प्रयोग किया गया है व आंसू गैस के गोले किसानों पर छोड़े गए हैं।
किसान सभी शर्तों का उल्लंघन करते हुए दिल्ली के भीतर दाखिल हो चुके हैं।
उन्हें रोकना पुलिस के लिए अब एक बड़ी चुनौती है।
किसान नेताओं पर हो सकती है एफआईआर
दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि जिस तरीके से नियमों का उल्लंघन किसान संगठनों द्वारा किया गया है।
इसकी पूरी जिम्मेदारी किसान नेताओं की होगी।
उन्होंने दिल्ली पुलिस के साथ बैठकर यह तय किया था कि वह रूट पर परेड लेकर जाएंगे, लेकिन उन्होंने दिल्ली पुलिस द्वारा तय की गई सभी शर्तों का उल्लंघन किया है।
इसे लेकर दिल्ली पुलिस उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सकती है। फिलहाल पुलिस इस उग्र प्रदर्शन को शांत करने की कोशिश कर रही है।