- हादसे में मारे गए लोगों के प्रति जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम ने जताया शोक
- फारूक ने यह जानना चाहा कि हादसे के वक्त टक्कर रोधी उपकरण था या नहीं
- उन्होंने जोर देकर कहा कि इस विषय की जांच होनी चाहिए और जिम्मेदारी तय हो
- देश को यह जानना चाहिए कि ऐसी हादसा रोकने के लिए क्या क्या सिस्टम है
श्रीनगर : नेशनल कांफ्रेंस (NC) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला (Farooq Abdullah) ने शनिवार को कहा कि ओडिशा (Odisha) के बालासोर जिले में हुए भीषण ट्रेन दुर्घटना के वक्त वहां टक्कर रोधी उपकरण लगाया गया था या नहीं, इसकी जांच होनी चाहिए और इस हादसे की जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने PTI-भाषा को बताया, ‘हाल ही में, माननीय रेल मंत्री (Railway Minister) ने घोषणा की कि उन्हें अब एक ऐसा उपकरण मिल गया है जिससे रेल दुर्घटनाएं (Train Accidents) नहीं होंगी।
इस मार्ग पर टक्कर रोधी प्रणाली ‘कवच’ उपलब्ध नहीं
मुझे लगता है कि इसकी जांच की जानी चाहिए कि क्या वह उपकरण लगाया गया था या नहीं और यदि उपकरण लगाया गया था, तो यह काम क्यों नहीं कर रहा था?
इस तरह का भीषण हादसा देश ने लंबे समय से नहीं देखा है। मुझे लगता है कि हम सब यह जानना चाहते हैं कि आखिरकार क्या हुआ था।
हालांकि, भारतीय रेलवे ने स्पष्ट किया कि इस मार्ग पर टक्कर रोधी प्रणाली ‘कवच’ उपलब्ध नहीं थी।
हादसे की उच्च स्तरीय जांच की जाएगी
भारतीय रेलवे (Indian Railways) के प्रवक्ता अमिताभ शर्मा ने कहा, ‘बचाव अभियान पूरा हो गया है।
अब, हम मरम्मत का काम शुरू कर रहे हैं। टक्कर रोधी उपकरण ‘कवच’ इस मार्ग पर उपलब्ध नहीं था।’
इस हादसे की उच्च स्तरीय जांच दक्षिण-पूर्व रेलवे सर्किल (South Eastern Railway Circle) के सुरक्षा आयुक्त की अध्यक्षता में की जाएगी।
कामना करते हैं कि इस तरह की घटना फिर कभी न हो
श्रीनगर (Srinagar) से लोकसभा के सदस्य फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि यह देश के लिए बहुत दुखद दिन है।
उन्होंने कहा, ‘यह बहुत चौंकाने वाली बात है कि जब एक ट्रेन पटरी से उतर गई तब क्या अन्य ट्रेनों को सूचित कर उसे रास्ते में रोकने का कोई तरीका नहीं था।’
उन्होंने आगे कहा, ‘हम हादसे में मारे गये लोगों के लिए शोक प्रकट करते हैं। हम उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हैं।
इस हादसे में कई लोग घायल हुए हैं जिनमें से कई लोगों की हालत गंभीर है, हम उनके ठीक होने की प्रार्थना करते हैं।
हम कामना करते हैं कि देश में फिर कभी इस तरह की घटना न हो।’