नई दिल्ली: सरकार ने शुक्रवार को कहा कि 6 साल पहले लागू माल एवं सेवा कर (GST) ने न केवल नागरिकों पर कर का बोझ कम करने में मदद की है, बल्कि देश में खपत को गति भी दी है।
कुल मिलाकर इससे परिवारों को मासिक बिल (Monthly Bills) कम करने में मदद मिली है।
सरकार ने GST लागू होने से पहले और बाद में विभिन्न वस्तुओं पर कर दरों की तुलना करते हुए यह बात कही है।
उसने यह भी कहा कि GST प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने से लेकर निवेश को बढ़ावा देने में उत्प्रेरक रहा है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने Twitter पर लिखा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) के कार्यालय ने Twitter पर लिखा है, ‘‘GST के क्रियान्वयन ने करदाताओं के लिये कर कानून का पालन करना आसान बना दिया है। यह बात इस तथ्य से पता चलती है कि GST के तहत पंजीकृत करदाताओं की संख्या एक अप्रैल, 2018 तक 1.03 करोड़ थी। यह बढ़कर एक अप्रैल, 2023 तक 1.36 करोड़ हो गई है।’’
GST एक जुलाई 2017 की मध्यरात्रि को लागू हुआ
GST एक जुलाई 2017 की मध्यरात्रि को लागू हुआ था।
इसमें 13 उपकर समेत उत्पाद शुल्क, सेवा कर और मूल्य वर्धित कर (VAT) जैसे 17 स्थानीय शुल्कों को समाहित किया गया है।
माल एवं सेवा कर के अंतर्गत कर की 4 दरें हैं। इसमें आवश्यक वस्तुओं पर कर से या तो छूट है या फिर 5 प्रतिशत की कम दर से कर लगाया जाता है।
विलासिता और समाज के नजरिये से हानिकारक वस्तुओं पर 28 प्रतिशत की ऊंची दर से कर लगाया जाता है।
कर की अन्य दरें 12 फीसदी और 18 फीसदी हैं।
इसके अलावा, सोना, आभूषण और कीमती पत्थरों के लिये 3 प्रतिशत और तराशे तथा पॉलिश किये गये हीरे पर 1.5 प्रतिशत की विशेष दर है।
सीतारमण के कार्यालय से किए गए ट्वीट में लिखा
सीतारमण के कार्यालय से किए गए ट्वीट में लिखा है, ‘‘6 साल पहले केंद्र और राज्य सरकारों के 17 करों और 13 उपकरों को समाहित कर लागू GST ने न केवल नागरिकों पर कर का बोझ कम करने में मदद की है, बल्कि यह देश में खपत को गति देने को लेकर इंजन भी साबित हुआ है।’’
GST लागू होने से पहले वैट, उत्पाद शुल्क, केंद्रीय बिक्री कर (CST) और उनके व्यापक प्रभाव के कारण एक उपभोक्ता को औसतन 31 प्रतिशत कर देना होता था।
वित्त मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘‘GST के तहत कर की दरें कम होने से हर घर में खुशियां आई है। दैनिक उपयोग की विभिन्न उपभोक्ता वस्तुओं पर GST के माध्यम से राहत मिली है।’’
इसने सभी पक्षों को व्यापक लाभ उपलब्ध
GST भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में पासा पलटने वाला साबित हुआ है और इसने सभी पक्षों को व्यापक लाभ उपलब्ध कराया है।
सरकार ने कहा कि इससे जो लाभ हुए हैं, उसमें विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में कमी, सभी करदाताओं के लिये समान अवसर और बेहतर अनुपालन के माध्यम से राजस्व वृद्धि शामिल है।
जब माल एवं सेवा कर 2017 में पेश किया गया था, उस समय मासिक GST राजस्व 85,000 से 95,000 करोड़ रुपये था।
वह बढ़कर अब 1.50 लाख करोड़ रुपये के आसपास पहुंच गया है और इसमें वृद्धि जारी है।
इस साल अप्रैल में यह अबतक के उच्चतम स्तर 1.87 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया।