नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय राजकोषीय घाटे को तय लक्ष्य के भीतर रखने के लिए 15 मार्च से दैनिक आधार पर कर संग्रह सहित राजस्व प्राप्ति और खर्च की निगरानी करेगा।
एलआईसी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) को स्थगित करने की आशंका के बीच यह फैसला किया गया है।
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक आईपीओ चालू वित्त वर्ष में ही आना था और इससे 60,000 करोड़ रुपये से अधिक मिलने की उम्मीद थी।
रूस-यूक्रेन युद्ध और भारत पर इसके प्रभाव के चलते आईपीओ के टाला जा सकता है।
दूसरी ओर, यूक्रेन में फंसे हजारों भारतीय छात्रों को वापस लाने के सरकार के फैसले से राजकोष पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
अधिकारियों के अनुसार कर और गैर-कर राजस्व संग्रह की दैनिक निगरानी से सरकार को जरूरत पड़ने पर समय रहते सुधारात्मक कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।
अधिकारी ने कहा, ‘‘सीबीडीटी (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) और सीबीआईसी (केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड) को पिछले दिन दोपहर 12 बजे तक के ताजा आंकड़े देने को कहा गया है। इसके अलावा, अन्य गैर-कर और विनिवेश प्राप्तियों को दैनिक आधार पर बताना होगा। ’’
अधिकारियों ने बताया कि लेखा महानियंत्रक (सीजीए) ने 15 मार्च से 31 मार्च के बीच विभिन्न मंत्रालयों के राजस्व संग्रह और व्यय के आंकड़े को दैनिक आधार पर उपलब्ध कराने को कहा है।