नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बुधवार को कोविड -19 महामारी के बीच हर नागरिक की सुरक्षा के लिए सरकारी कार्यालयों को कागज रहित और संपर्क रहित मोड में चलाने के लिए इनोवेटिव समाधानों की खोज की वकालत की।
उन्होंने कहा कि यह प्रशासनिक प्रक्रियाओं को पर्यावरण के अधिक अनुकूल बनाने में भी मदद करेगा।
वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से डिजिटल इंडिया अवार्डस 2020 के प्रेजेंटेशन के बाद बोलते हुए कोविंद ने कहा, हमें अपने देश के दूरस्थ कोनों में भी आर्थिक समावेशिता और सामाजिक परिवर्तन की सहायता के लिए प्रौद्योगिकी और आईसीटी संचालित नवीन समाधानों का लाभ उठाना चाहिए।
यह देखते हुए कि हमारी आबादी का एक बड़ा हिस्सा अभी भी डिजिटल उपकरणों और सेवाओं के लाभों को प्राप्त करने में सक्षम नहीं है, राष्ट्रपति ने कहा कि प्रभावी इनोवेशन के माध्यम से डिजिटल पहुंच का विस्तार करके ऐसे लोगों तक पहुंच कर यह संख्या कम से कम करने की आवश्यकता है।
राष्ट्रपति ने कहा, यह हमारी डिजिटल क्रांति को और अधिक समावेशी बना देगा।
उन्होंने आगे कहा, इस प्रकार, डिजिटल विभाजन को कम करने की दिशा में सरकार की डिजिटल इंडिया पहल को जारी रखना चाहिए।
सूचना की शक्ति की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा, अधिक लोगों के साथ अधिक जानकारी साझा करने से न केवल समाज में पारदर्शिता बढ़ती है, बल्कि नागरिकों और नागरिक समाज को भी सशक्त बनाया जाता है। इस महान आदर्श को ध्यान में रखते हुए, सरकार ने अलग-अलग डेटा सेट और डेटा संसाधन लगाना शुरू कर दिया है।
राष्ट्रपति ने कहा कि एक सूचित नागरिकता के लिए यह अत्यधिक आवश्यक है, क्योंकि वे लोकतंत्र की आधारशिला है।
उन्होंने कहा कि नेशनल डाटा शेयरिंग एंड एक्सेसिबिलिटी पॉलिसी में शासन के एक सहभागी मॉडल की भी परिकल्पना की गई है जिसमें नागरिक सार्वजनिक प्राधिकरणों से गैर-रणनीतिक जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और विभिन्न सुधार प्रक्रियाओं में सरकार के साथ भागीदार बन सकते हैं।